2018-06-28 13:49:00

संत पापा ने की 14 नये कार्डिनलों की रचना


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 28 जून 18 (टिकन सिटी)˸ संत पापा फ्राँसिस ने 28 जून को रोम समयानुसार शाम 4.00 बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर में कार्डिनल मंडल की आमसभा में 11 देशों के 14 नये कार्डिनलों की रचना की।

नये कार्डिनलों के नाम की घोषणा संत पापा ने 20 मई को स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत की थी।

नये कार्डिनल बोलिविया, ईराक, इटली, जापान, पाकिस्तान, पोलैंड, पुर्तगाल, पेरू, मडागास्कर, मेक्सिको और स्पेन के हैं। संत पापा ने कहा कि वे स्थान जहाँ से नये कार्डिनल आते हैं, कलीसिया की सार्वभौमिकता को दर्शाते हैं जिन्होंने ईश्वर के करुणावान प्रेम की घोषणा सभी लोगों के बीच जारी रखा है। उन्होंने कहा कि उनकी नियुक्ति दुनिया भर में संत पेत्रुस के धर्मासन और स्थानीय कलीसियाओं के बीच अटूट संबंध  स्थापित करेगा।

नये कार्डिनलों के नाम इस प्रकार हैं-

प्राधिधर्माध्यक्ष लुईस रफाएल प्रथम साको- बेबीलोन (ईराक) के खलदेई काथलिक कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष।

महाधर्माध्यक्ष लुईस लादारिया- विश्वास के सिद्धांत हेतु गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष (स्पेन)।

महाधर्माध्यक्ष अंजेलो दे दोनातिस – रोम के प्रतिधर्माध्यक्ष (इटली)।

महाधर्माध्यक्ष जोवन्नी अंजेलो बेच्चू – वाटिकन राज्य सचिव के प्रतिस्थानी एवं मल्टा के सर्वोच्च मीलिटरी ऑर्डर के विशेष प्रतिनिधि (इटली)।

महाधर्माध्यक्ष कोनराड क्राजेवस्की – संत पापा के करीतास कार्यालय के अधिकारी (पोलैंड)।

महाधर्माध्यक्ष जोसेफ कूट्टस – कराँची (पाकिस्तान)।

धर्माध्यक्ष अंतोनियो दोस संतोस मारतो – लेइरिया फातिमा (पुर्तगाल)।

महाधर्माध्यक्ष पेद्रो बार्रेतो – हुवानकायो (पेरू)।

महाधर्माध्यक्ष देसिरे साराहाजाना – तोवामासिना (मडागास्कर)।

महाधर्माध्यक्ष जुसेप्पे पेत्रोची – अक्वीला (इटली)।

महाधर्माध्यक्ष थॉमस अक्वीनस मानयो – ओसाका (जापान)।

ससम्मान सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष सेरजो ओबेसो रिवेरा – खालापा (मेक्सिको)।

ससम्मान सेवानिवृत धर्माध्यक्ष तोरिबियो तिकोना पोरको – कोरोकोरो के प्रांतीय अध्यक्ष (बोलिविया)।

फादर अक्वीलिनो बोस्को मेरिनो – क्लारेशियन धर्मसमाज (स्पेन)।

संत पापा ने कहा कि अंतिम तीन को उन्होंने कलीसिया में उनकी विशिष्ठ सेवा के लिए चुना है।

कनसिस्टरी या कार्डिनल मंडल की बैठक क्या है ?

कनसिस्टरी ख्रीस्तयाग नहीं है किन्तु कार्डिनलों की एक सभा है जिसमें संत पापा की उपस्थिति हो सकती है अथवा वे उसमें अनुपस्थित भी हो सकते हैं। इस सभा में कलीसिया के विशेष मुद्दों जैसे धन्य घोषणा एवं संत घोषणा की तिथि निश्चित करना और नये कार्डिनलों की रचना करना आदि कार्य किये जाते हैं।  








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