2018-06-26 15:59:00

अत्याचार से पीड़ित लोगों की मदद हेतु ख्रीस्तीयों का आह्वान


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 26 जून 2018 (रेई)˸ मानव समाज में एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति पर अत्याचार क्रूरता का सबसे बड़ा उदाहरण है। यह समाज को तोड़ देता तथा लोगों के जीवन को दुःख और कष्टों से भर देता है। संघर्ष की शुरूआत यहीं से  होती है क्योंकि हर व्यक्ति को जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार है।

संत पापा फ्राँसिस ने अत्याचार का जमकर विरोध किया तथा ख्रीस्तीयों से आह्वान किया कि वे उनकी मदद करें। उन्होंने 26 जून को एक ट्वीट प्रषित कर कहा, "अत्याचार एक घोर अपराध है। ख्रीस्तीय समुदायों को चाहिए कि वे अत्याचार के शिकार लोगों की मदद हेतु प्रतिबद्ध हों।"   

अत्याचार के शिकार लोगों की मदद करने वालों का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ ने 26 जून को अत्याचार के खिलाफ विश्व दिवस घोषित किया है।








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