2018-06-18 16:46:00

कार्ड कॉउट्स: ईद उल-फितर पाकिस्तानी ख्रीस्तीयों के लिए भी एक खुशी


करांची, सोमवार, 18 जून 2018(एशियान्यूज) : "ईद मुबारक केवल शब्द नहीं है। यह हमें एक साथ लाता और हमारे मुस्लिम मित्रों तक पहुंचाता है। पाकिस्तान में ख्रीस्तीयों के लिए ईद की खुशी सबसे स्वाभाविक बात है जो मुस्लिम पड़ोस में रहते हैं। हाल ही में कार्डिनल चुने गए कराची के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ कॉउट्स ने कहा, हमने कई इफ्तर रात्रिभोज (उपवास तोड़ने के लिए) की मेजबानी की है जहाँ हमें मुस्लिम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों से मिलने का अवसर मिला।

रमजान के अंत में ईद अल-फ़ितर त्यौहार के बारे में बोलते हुए, कार्डिनल ने कहा कि "कई सालों से मैं अंतरधार्मिक वार्ता हेतु परमधर्मपीठीय परिषद को अपने उर्दू (राष्ट्रीय) भाषा में ईद कार्ड भेजता रहा हूँ। फैसलाबाद धर्मप्रांत में, मैं उन मौलवियों को बुलाता था जो हमारी शांति समिति का हिस्सा थे।"

संत पापा फ्राँसिस द्वारा पिछले महीने उन्हें कार्डिनल नियुक्त करने के बाद मुसलमानों के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया बारे कहा कि यह पाकिस्तान के लिए एक सम्मान है।

"कार्डिनल मंडल कलीसिया की सार्वभौमिकता को दिखाता है। उनके निकटतम सलाहकार, नौ कार्डिनल, सभी महाद्वीपों से हैं। हम देख सकते हैं कि संत पापा पाकिस्तान के छोटे लेकिन क्रियाशील कलीसिया की परवाह करते हैं। अब पाकिस्तानियों को संत पापा को देखने की एक दूरस्थ संभावना है। फिर भी इस मामले में मैं कराची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष के रूप में जितना कर सकता हूँ, उतना प्रयास कर रहा हूँ।"

महाधर्माध्यक्ष कॉउट्स ने कहा,"संत पापा को पाकिस्तान आने के लिए सरकार और स्थानीय कलीसिया दोनों से आमंत्रण भेजा जाता है। इस तरह की वचनबद्धता संत पापा की यात्राओं से बहुत पहले की जाती है। और आम चुनाव 25 जुलाई के बाद एक नई सरकार एक बार लोकतंत्र कार्यभार अपने उपर ले लेता है तो मैं संत पापा को आमंत्रित करने का पहल करुँगा।"

हालांकि, "पूरे इस्लामी राज्य में हम जिस वातावरण में रहते हैं वह गैर-मुस्लिमों के लिए और अधिक कठिन हो रहा है लेकिन देश में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के अन्य पहलू हैं।"








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