2018-05-29 16:47:00

परीक्षा की घड़ी दुनियादारी की ओर न लौटें वह हमारी स्वतंत्रता छीन लेता है


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 29 मई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने पवित्रता की ओर आगे बढ़ने एवं दुनिया के तौर-तरीकों की ओर नहीं लौटने का आह्वान किया।

29 मई को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा ने कहा कि परीक्षा की घड़ी हम दुनिया की ओर न लौटें क्योंकि वह हमारी स्वतंत्रता छीन लेता है बल्कि हम पवित्रता के रास्ते पर आगे बढ़ते रहें।   

प्रवचन की शुरूआत संत पापा ने संत पेत्रुस के पत्र से लिए गये पाठ से की जिसमें संत पेत्रुस पवित्रता के मार्ग पर चलने का निमंत्रण देते हैं। संत पापा ने कहा, "पवित्रता के लिए बुलाहट जो एक सामान्य बुलावा है यह एक ख्रीस्तीय जीवन जीने का निमंत्रण है और ख्रीस्तीयों की तरह जीने का अर्थ उसी तरह जीना है जिस तरह संतों ने जिया। कई बार हम पवित्रता को एक असाधारण बुलाहट के रूप में देखते हैं।" पवित्रता का अर्थ है उस रास्ते पर चलना जिसे प्रभु हमें बतलाते हैं तथा पेत्रुस के अनुसार अपनी पूर्ण आशा उस कृपा में डाल देना जो हमें येसु ख्रीस्त द्वारा तब प्रदान किया जाएगा जब वे प्रकट हो जायेंगे।

"पवित्रता की ओर बढ़ने" का मतलब है उस कृपा की ओर बढ़ना जो हमें मिलने वाली है, तनाव की घड़ी येसु से मुलाकात की आशा बनाये रखना है। यह उस प्रकाश की ओर चलने के समान है जिसमें बहुत अधिक रोशनी होने के कारण रास्ता दिखाई नहीं पड़ता क्योंकि हमारी आँखें चौंधिया जाती हैं जबकि वास्तव में, प्रकाश के पीछे चलने पर हमें रास्ता साफ साफ देखाई पड़ता है किन्तु हमारे आगे छाया पड़ जाता है।       

संत पापा ने कहा कि पवित्रता की ओर बढ़ें जिसके लिए स्वतंत्र होने की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कई चीजें हैं जो हमें गुलाम बना लेते हैं। यही कारण है कि संत पेत्रुस अह्वान करते हैं कि हम अपनी उन इच्छाओं का अनुसरण न करें जिनको हमने अज्ञानतावश महसूस किया था।

संत पापा ने सलाह दी कि हम दुनियावी तरीके से सोचने एवं न्याय करने से बचें क्योंकि यह हमारी स्वतंत्रता छीन लेता है।

निर्गमन ग्रंथ का हवाला देते हुए संत पापा ने कहा कि कितने इस्राएली लोगों ने मुक्ति की ओर देखने से इन्कार किया। उन्होंने शिकायत की तथा मिस्र में बीताये जीवन की याद की। उसी तरह विपत्ति की घड़ी में लोग पहले की स्थिति मे लौट जाते हैं और अपनी स्वतंत्रता खो देते हैं। यह सच था कि इस्राइलियों ने वहाँ अच्छा भोजन किया था किन्तु दासों की मेज पर।

संत पापा ने कहा कि हम भी विपत्ति की घड़ी में दुनियादारी की ओर वापस लौट जाना चाहते हैं किन्तु उसमें स्वतंत्रता नहीं है जबकि स्वतंत्रता के बिना संतों की राह पर आगे बढ़ना संभव नहीं है। पवित्रता में आगे बढ़ने की शर्त है ज्योति को देखना। प्रभु कहते हैं पवित्र बनो क्योंकि मैं पवित्र हूँ।

संत पापा ने विश्वासियों को प्रोत्साहन दिया कि वे पवित्रता के रास्ते को अच्छी तरह समझ पाने की कृपा के लिए प्रार्थना करें।








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