2018-05-28 15:56:00

संत पापा ने मानव जीवन के संबंध में नैतिक मानदंडों का सम्मान करने का आग्रह किया


वाटिकन सिटी, सोमवार 28 मई 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के परमाध्यक्षों के कक्ष में काथलिक डॉक्टरों के अंतर्राष्ट्रीय संघों (एफआईएएमसी) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

30 मई से 2 जून तक, ज़ाग्रेब (क्रोएशिया) में (एफआईएएमसी) की 25 वीं कांग्रेस संत पापा के प्रेरितिक उदबोधन "लौदा तो सी पर आधारित मानवीय जीवन की पवित्रता और चिकित्सा का पेशा" विषय पर आयोजित की जाएगी।

संत पापा ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए संघ के अध्यक्ष डाक्टर जॉन ली को उनके परिचय भाषण के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा, "काथलिक डॉक्टर" के रूप में आपकी योग्यता आपको चिकित्सा कार्यों में सुसमाचार सिद्धांतों को लागू करने के लिए एक स्थायी आध्यात्मिक, नैतिक और जैव-चिकित्सा गठन के लिए प्रतिबद्ध करती है, इस मिशनरी गतिविधि के तहत डॉक्टर और रोगियों के बीच संबंध शुरु होने से उनके स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार होता है। आपका काम मानवीय एकता और ख्रीस्तीय गवाही का एक अनोखा रूप है; वास्तव में, आपका काम विश्वास की भावना से समृद्ध है और यह महत्वपूर्ण है कि आपका संगठन स्वयं को और युवा डॉक्टरों को इन चिकित्सा सिद्धांतों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रतिबद्ध करता है।

काथलिक पहचान उन लोगों के साथ आपके सहयोग से समझौता नहीं करती है, जो एक अलग धार्मिक परिपेक्ष्य में मानव गतिविधि की गरिमा और उत्कृष्टता को उनकी गतिविधि के मानदंड के रूप में पहचानते हैं। कलीसिया जीवन के लिए है और उसकी चिंता यह है कि एक ठोस अस्तित्व की वास्तविकता में जीवन के खिलाफ कुछ भी नहीं होना चाहिए।

उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि वे अपने देशों में या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, न सिर्फ विशेषज्ञ सर्कल में बल्कि संवेदनशील नैतिक मुद्दों जैसे कि गर्भावस्था को समाप्त करने, जीवन के अंत और आनुवांशिक दवाओं पर कानूनी विचार-विमर्श में अपना सहयोग दें।

संत पापा ने "डॉक्टरों और सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के विवेक की स्वतंत्रता की रक्षा" के लिए चिंता दिखाते हुए कहा, "यह अस्वीकार्य है कि बीमार व्यक्ति की इच्छा पूरी करने के लिए आपकी भूमिका कम हो जाएगी या स्वास्थ्य प्रणाली की जरूरतें जिसमें आप काम करते हैं।"

संत पापा ने कहा कि आज यह आवश्यक और जरूरी है कि काथलिक डॉक्टर की कार्रवाई में निजी और सहयोगी गवाह दोनों के स्तर पर "अचूक स्पष्टता का स्वरुप" हो।








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