2018-05-19 16:09:00

चिली के धर्माध्यक्षों दवारा याजकों के यौन दुर्व्यवहार के लिए माफी और इस्तीफा देने का प्रस्ताव


वाटिकन सटी, शनिवार 19 मई 2018 (वीआर,रेई) :  वाटिकन में संत पापा फ्राँसिस के साथ तीन दिनों की बैठकों के बाद, चिली के 34 धर्माध्यक्षों ने प्रेस से मुलाकात की और एक बयान पढ़ा जिसमें उन्होंने, "इन तीन दिनों के दौरान "पितातुल्य उनकी बातों को सुनने और अपने भाईयों के सुधार हेतु सुझाव देने और प्रार्थनाओं" के लिए संत पापा का शुक्रिया अदा किया।

संत पापा के हाथों में इस्तीफा

धर्माध्यक्षों ने बयान में पढ़ा कि उन्होंने अपने पदों को "संत पापा के हाथों में रखा है और उनमें से प्रत्येक के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के लिए उन्हें छोड़ दिया है।"

उन्होंने संत पापा द्वारा व्यक्तिगत रूप से उन्हें दिए गए एक दस्तावेज को भी संदर्भित किया जिसमें "शक्ति, विवेक और यौन [प्रकृति] के अस्वीकार्य दुर्व्यवहारों के संबंध में चिली की कलीसिया में हुई पूरी तरह से ग़लत चीजों की एक श्रृंखला का संकेत दिया गया है, जिनके द्वारा चिली की कलीसिया के प्रेरितिक और नबीय छवि धूमिल हो गई है।"

क्षमा की अपील

धर्माध्यक्षों ने कहा कि वे याजकों द्वारा यौन दुर्वयवहार के पीडितों से उन्हें दुःख देने के लिए और उनकी गंभीर गलतियों के लिए संत पापा, देश की कलीसिया और पूरे देशवासियों से क्षमा मांगते हैं

उन्होंने महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स स्किकलुना और फादर जॉर्डी बर्टोमू के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने  संत पापा के कहने पर याजकों के यौन दुर्व्यवहार के लिए जाँच पड़ताल कर 2,300 पेज रिपोर्ट संत पापा को सौंपा। इस दस्तावेज द्वारा देश में समाज और चिली की कलीसिया के घावों को चंगा करने और प्रेरितिक कार्यों को करने के मार्गदर्शन मिलेगा।   

धर्माध्यक्षों ने कहा कि वे उन सभी यौन दुर्व्यवहार पीड़ितों का शुक्रिया अदा करते हैं, उन्होंने व्यक्तिगत, आध्यात्मिक, सामाजिक और पारिवारिक कठिनाइयों का सामना बड़े साहस के साथ किया है। धरममाध्यक्षों ने उनसे माफी मांगते हुए कलीसिया को चंगा करने में उपचार के रास्ते पर आगे बढ़ने एवं सक्षम होने के लिए उनकी मदद मांगी।

गंभीर परिवर्तन की प्रक्रिया में मील का पत्थर

संत पापा फ्राँसिस द्वारा निर्देशित गंभीर परिवर्तन की प्रक्रिया एक मील का पत्थर है। धर्माध्यक्षों ने कहा कि इन दिनों के दौरान उन्होंने संत पापा के साथ सामंजस्य में, न्याय को फिर से स्थापित करना चाहते हैं और याजकों द्वारा यौन दुर्व्यवहार की क्षतिपूर्ति में योगदान देना चाहते हैं चिली में कलीसिया के प्रेरितिक मिशन को नये उत्साह के साथ शुरु करना चाहते हैं, जहां, "मसीह हमेशा कलीसिया के केंद्र में रहे।"

इस नए रास्ते पर खुद को पूरी तरह से प्रतिबद्ध करने का वादा करते हुए धर्ध्यक्षों ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि चिली की कलीसिया में "प्रभु का चेहरा नया चमक सकता है" और "नम्रता एवं आशा" के साथ उन्होंने सभी को उनके प्रयास में उनकी मदद करने के लिए अपील की।








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