2018-05-17 16:33:00

कलीसिया सेतु, अस्पताल और एक माता है


वाटिकन सिटी, गुरुवार 17 मई 2018 (रेई) निकारागुआ में 17 से 18 मई तक चलने वाले “राष्ट्रीय वार्ता” में सामाजिक-राजनैतिक समास्याओं के समाधान हेतु उपाय निकाले जायेंगे।

इस “राष्ट्रीय वार्ता” का शुभारंभ 16 मई को मानागुआ में हुआ जिसमें देश के नागरिकों, नवप्रशिक्षु, महाविद्यालय के विद्यार्थियों, निकारागुआ के धर्माध्यक्षों के अलावे देश के राष्ट्रपति दानियल ओरेटेगा भी शामिल हो रहे हैं।

इस “राष्ट्रीय वार्ता” समारोह का आयोजन पश्चिमी मानागुआ के आवर लेडी ऑफ फतिमा के गुरुकुल में एक कड़ी सुरक्षा में किया गया है। 

धर्माध्यक्षगण, संयोजक और साक्षी

राष्ट्रीय वार्ता की शुरूआत धर्माध्यक्षों द्वारा “संयोजक और साक्षियों” के परिचय उपरांत की गई, जिसमें सर्वप्रथम सामाजिक नागरिकों ने अपने विचार रखें और उनके बाद विद्यर्थियों ने। राष्ट्र के उप-राष्ट्रपति ने इस बात की सहमति को घोषित किया कि “निकारागुआन धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने वार्ता की पद्धति” का सुझाव दिया जो उपयुक्त जान पड़ता है।

सुलाह के उपाय

मानागुआ के महाधर्माध्यक्ष ने अपने संदेश में कहा,“हमने देश की कठिन और जटिल चुनौतियों को स्वीकार किया है और संयोजकों और साक्ष्यों के माध्यम इसका निदान खोज रहें हैं। हमें अपने देश की समस्याओं का समाधान मिल कर खोजने की जरुरत है। हमें इस परिस्थिति में एक दूसरे को सुनने और आपसी वार्ता करने की आवश्यकता है जिससे हम आपसी विभाजन और युद्ध की स्थिति को समाप्त करते हुए देश में शांति स्थापित कर सकें जो हमें एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण करने में मदद करेगा।

कलीसिया के तीन प्रेरितिक कार्य

इस संदर्भ में कलीसिया के तीन प्रेरितिक कार्यों को चिन्हित किया गया। पहला कलीसिया एक सेतु के समान है जो दूरवर्ती प्रान्त के लोगों को जोड़ती है। दूसरा यह एक अस्पताल के समान है जहाँ हमारे जीवन की रक्षा की जाती और घावों की मरहम पट्टी की जाती है। कलीसिया हमारी माता है, परिवार में जब भाइयों के बीच लड़ाई होती तो मां बीच में आकर बचाव करती है। ये तीन कार्य राष्ट्रपति के समक्ष पेश किये गये और इनके अनुपालन की प्रतिज्ञा की गई।

सुरक्षा का आश्वासन

राष्ट्रपति ओरेटेगा ने कहा, “हमने अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार संघ को हमारे इस कार्य में सहायता हेतु निमंत्रण दिया है। हमने महाविद्लाय के विद्यार्थियों से मृत छात्रों की सूची मांगी है जिससे हम इस बात की घोषणा कर सकें कि कोई लापता नहीं है, सभी स्वतंत्र किये गये हैं।”  छात्रों की ओर से उनके जीवन के सुरक्षा की मांग रखी गई। 








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