2018-05-14 14:03:00

स्वर्गारोहण महापर्व पर संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 14 मई 2018 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 13 मई को, प्रभु के स्वर्गारोहण महापर्व के अवसर पर, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

"आज, इटली में तथा कई अन्य देशों में, प्रभु के स्वर्गारोहन का महापर्व मनाया जाता है। इस पर्व में दो बातें हैं, एक ओर यह हमारी नजर को स्वर्ग की ओर उठाता है जहाँ महिमान्वित येसु ईश्वर की दाहिनी ओर बैठे हैं और दूसरी ओर, यह हमें कलीसिया के मिशन की शुरूआत की याद दिलाता है, क्यों? क्योंकि येसु जो, जी उठे तथा स्वर्ग चढ़े, अपने शिष्यों को सुसमाचार प्रचार हेतु दुनिया में भेजा। इसलिए स्वर्गारोहन हमें प्रेरित करता है कि हम आकाश की ओर देखें और उसके तुरन्त बाद धरती की ओर नजर लगायें, उस कार्य को आगे बढ़ायें जिसे पुनर्जीवित ख्रीस्त ने हमें प्रदान किया है।"

संत पापा ने कहा, "यही करने के लिए, आज का सुसमाचार पाठ हमें निमंत्रण देता है जिसमें शिष्यों को येसु द्वारा मिशन सौंपे जाने के तुरन्त बाद, स्वर्गारोहन की घटना घटी। यह एक सीमा रहित मिशन है शाब्दिक अर्थ में घेरे के बिना जो मानवीय शक्तियों से परे है। येसु कहते हैं, "संसार के कोने-काने में जाकर सारी सृष्टि को सुसमाचार सुनाओ।" (मार. 16:15) यह सचमुच एक साहसिक काम था जिसको येसु ने साधारण एवं बौद्धिक क्षमता से रहित एक छोटे दल के लिए सौंपा था। यह एक विरल समुदाय था, जो दुनिया की ताकतों के लिए अप्रासंगिक था, येसु के प्रेम और करूणा के संदेश को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने के लिए भेजा गया किन्तु ईश्वर की यह योजना, केवल एक शक्ति के सहारे हासिल की जा सकती थी जिसको ईश्वर ने स्वयं प्रेरितों को प्रदान किया। येसु ने आश्वासन दिया कि उनका मिशन पवित्र आत्मा के द्वारा पोषित किया जाएगा, अतः वे कहते हैं, "पवित्र आत्मा तुम लोगों पर उतरेगा और तुम्हें सामर्थ्य प्रदान करेगा और तुम लोग येरुसालेम, सारी यहूदिया और सामरिया में तथा पृथ्वी के अन्तिम छोर तक मेरे साक्षी होंगे।'' (प्रे.च. 1: 8) इस तरह यह मिशन सच हुआ और प्रेरित इस कार्य को करने लगे जो बाद में उनके उत्तराधिकारियों द्वारा जारी रहा। मिशन जो येसु द्वारा उनके शिष्यों को सौंपा गया था वह सदियों तक चलता रहा और आज भी जारी है एवं हम सभी के सहयोग की मांग करता है। वास्तव में, हम प्रत्येक जन जिन्होंने बपतिस्मा प्राप्त किया है यह हमें सशक्त करता एवं सुसमाचार प्रचार हेतु हमसे मिशनरी बनने की अपील करता है।

प्रभु का स्वर्गारोहण जो हमारे बीच प्रभु की उपस्थिति के एक नये रूप का उद्घाटन है हमें उनसे मुलाकात करने के लिए आँख एवं हृदय की मांग करता है, उनकी सेवा करने तथा दूसरों के बीच उनका साक्ष्य देने की मांग करता है। यह स्वर्गारोहण के व्यक्ति बनना है अर्थात् हमारे समय के सभी रास्तों पर ख्रीस्त की खोज करना, उनकी मुक्ति के संदेश को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाना। इस यात्रा में हम भाई–बहनों में स्वयं येसु से मुलाकात करते हैं, विशेषकर, गरीबों एवं पीड़ितों में। आरम्भ में जिसतरह, पुनर्जीवित ख्रीस्त ने शिष्यों को पवित्र आत्मा की शक्ति के साथ भेजा, उसी तरह वे आज हम सबों को उसी शक्ति के साथ भेजते हैं, ताकि हम आशा के ठोस एवं दृश्यमान चिन्ह प्रकट कर सकें क्योंकि येसु हमें आशा प्रदान करते हैं। वे स्वर्ग गये और उन्होंने हमारे लिए भी स्वर्ग एवं आशा का द्वार खोल दिया है।  

धन्य कुँवारी मरियम जो प्रभु की माता हैं जिन्होंने शिष्यों के प्रथम समुदाय के विश्वास को प्रेरित किया, हमारे हृदयों को भी ऊपर उठाने में मदद करे जैसा कि धर्मविधि में कहा जाता है और साथ ही साथ, हमारे पाँवों को धरती पर रखने एवं साहस के साथ जीवन की परिस्थितियों एवं इतिहास में सुसमाचार के बीज को बोने हेतु सहायता प्रदान करे।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने विभिन्न सूचनाएँ जारी की। उन्होंने इंडोनेशिया के ख्रीस्तीय समुदाय को अपना आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान प्रदान करते हुए उनके लिए प्रार्थना अर्पित की जहाँ गिरजाघरों में आतंकी हमले हुए हैं।

संत पापा ने विश्व संचार दिवस पर सभी पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा, "आज विश्व संचार दिवस है जिसकी विषयवस्तु है,"नकली समाचार और शांति हेतु पत्रकारिता"। मैं सभी मीडिया कर्मियों का अभिवादन करता हूँ, विशेषकर, वे पत्रकार जो समाचार की सच्चाई को खोजने के लिए समर्पित हैं तथा न्याय एवं शांतिपूर्ण समाज को सहयोग देते हैं।"

इसके बाद संत पापा ने रोम तथा विश्व के विभिन्न देशों से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया, खासकर, जर्मनी के संगीतकार एवं लोक समूह, रोम में पाराग्वे के विश्वासी तथा नेपल्स में स्थापित ‘करूणा के धनी’ आंदोलन के संस्थापक जुस्वाल्दो नोसेनगो की मृत्यु के 50 साल बाद यू सी आई ई एम सम्मेलन के प्रतिभागियों का।

संत पापा ने कतानिया, स्कानदिची, संत फेरदीनान्दो दी पुलिया एवं संत मारज़ानो सुल सारनो, जेनोवा के युवाओं, रोम के संत जुस्तिनो पल्ली के बच्चों तथा मिसत्रेत्ता के तोम्मासो अविरसा के विद्यार्थियों का अभिवादन किया।

उन्होंने ‘संघीय एक्सप्रेस यूरोप’ के कर्मचारियों का भी अभिवादन किया एवं उनके लिए कामना की कि उनके बीच जो समस्या है उसका सकारात्मक समाधान मिल सके।

संत पापा ने त्रेनतो में राष्ट्रीय सभा के लिए एकत्रित अलपिनी इताली सैनिकों की याद कर उन्हें उदारता एवं शांति के साक्षी बनने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने विश्व माता दिवस के उपलक्ष्य में सभी माताओं को ताली बजाकर सम्मानित किया और कहा, "आज मैं सभी माताओं का अभिवादन करता हूँ परिवार की देखभाल करने के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ।" संत पापा ने स्वर्गीय माताओं की भी याद की जो हमें स्वर्ग से निहारते एवं अपनी प्रार्थनाओं द्वारा निरंतर हमारी रक्षा करते हैं। स्वर्ग की माता मरियम जिन्हें 13 मई को फातिमा की माता मरियम के रूप में याद की जाती है संत पापा ने प्रार्थना की कि वे हमें जीवन यात्रा में मदद करती रहें।

अंत में उन्होंने प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की। 








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