2018-05-12 13:12:00

कलीसिया का चेहरा जो सीमान्तों तक जाता है


वाटिकन सिटी, शनिवार, 12 मई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार, 12 मई को वाटिकन स्थित क्लेमेनटीन सभागार में चिरकोलो सन पियेत्रो के 300 सदस्यों से मुलाकात की।

चिरकोलो सन पियेत्रो की स्थापना रोम में सन् 1869 ई. में कार्डिनल इयाकोबिक के मार्गदर्शन में युवाओं के द्वारा की गयी थी। यह उन लोगों के उत्साह पर स्थापित है जो उच्च वर्ग तथा रोम के कुलीन परिवारों के थे और जो संत पिता के प्रति अपनी निष्ठा को प्रकट करना तथा इतिहास में संत पापाओं के कठिन दौर में याजकीय विरोधी आक्रमण से उनकी रक्षा करना चाहते थे।

संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "मैं शहर में सबसे वंचित लोगों की प्रतिदिन की सेवा के लिए आपकी सराहना करना चाहता हूँ। कई सालों से चिरकोलो सन पियेत्रो गरीबों की सहायता करने और उनका साथ देने हेतु एक सुन्दर सच्चाई बन गया है, रोम की कलीसियाई दाखबारी में एक समृद्ध, फलप्रद एवं उदार जीवन की शाखा के रूप में।"

संत पापा ने कहा, आप कलीसिया के चेहरे हैं जो सीमांतों तक जाता है वह कभी स्थिर नहीं रहता बल्कि जो सुनने, बांटे जाने, सामीप्य एवं एकात्मकता के भूखे और प्यासे अपने भाई बहनों से मुलाकात करने के लिए आगे बढ़ता है। संत पापा ने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे इस रास्ते पर आगे बढ़ना जारी रखें।

उन्होंने उन्हें घायलों एवं पीड़ितों की सहायता करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "अपने कार्यों में अपने भाइयों के घायल शरीर से लज्जित न हों किन्तु पीड़ित और जरूरतमंद हर व्यक्ति में ख्रीस्त के चेहरे को देखें। ख्रीस्तीय उदारता के साहसी मिशनरी बनें तथा ख्रीस्त की करुणा एवं अच्छाई का साक्ष्य देने से कभी न थकें। सभी कमजोर एवं निराश लोगों के लिए सांत्वना के माध्यम बनें।"

संत पापा ने उनका ध्यान संतों की ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि उनके बीच अनेक संत हैं जिनसे वे प्रेरणा ले सकते हैं, उनकी पवित्रता के चिन्ह द्वारा जिन्हें प्रभु हमारे लिए उन दीन लोगों के माध्यम से प्रकट करते हैं जो ख्रीस्त के जीवित साक्षी हैं खासकर, विश्वास एवं उदारता के जीवन द्वारा।   

संत पापा ने कहा कि उनकी प्रेरिताई पवित्रता की बुलाहट के उत्तर हेतु एक अवसर एवं एक उपकरण है जिसे प्रभु हम प्रत्येक को प्रदान करते हैं। उदारता के कामों द्वारा वे उस कृपा को प्रवाहित होने देते हैं जिसको हमने बपतिस्मा में प्राप्त किया है ताकि हम पवित्रता की यात्रा में अधिक फल उत्पन्न कर सकें जो हमारे जीवन में पवित्र आत्मा के कार्य का परिणाम है।    

संत पापा ने चिरकोलो सन पियेत्रो के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने शहर के गरीबों के लिए रोम के धर्माध्यक्ष के प्रति अपनी सहभागिता दिखलायी है। उन्होंने कामना की कि उनकी उदारता, प्रार्थना द्वारा पोषित होता रहें एवं ईशवचन जो एक प्रकाश है उनकी यात्रा को आलोकित करता रहे।   

अंत में संत पापा ने उनके परिवारों एवं मिशन को रोम की संरक्षिका माता मरियम को सिपूर्द किया तथा संत पेत्रुस एवं संत पौलुस की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना की कि वे उनकी प्रेरिताई को सहायता प्रदान करें।








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