इटली, बृहस्पतिवार, 10 मई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने नोमादेलफिया समुदाय को सम्बोधित कर कहा, नोमादेलफिया के प्यारे भाइयो एवं बहनो, मैं यहाँ आपके बीच डॉन ज़ेनो सालतिनी की यादगारी में आया हूँ तथा उनके द्वारा स्थापित आपके समुदाय को प्रोत्साहन देना चाहता हूँ।
नोमादेलफिया एक नबी की सच्चाई है जिसका उद्देश्य एक नई सभ्यता को उजागर करना है, अच्छा एवं सुन्दर जीवन के रूप में सुसमाचार को क्रियान्वित करना। आपके संस्थापक ने अपने आपको उस प्रेरितिक उत्साह के लिए समर्पित किया ताकि सुसमाचार के बीज के लिए भूमि तैयार की जा सके और नये जीवन का फल उत्पन्न किया जा सके जो एमिलिया की ऊपजाऊ भूमि में डाली गयी है। वे सही समय जानते थे कि कब हल चलाया जाना तथा बीज बोने के लिए जमीन तैयार किया जाना है। वे येसु के उस वाक्य से प्रेरित थे, ''हल की मूठ पकड़ने के बाद जो मुड़ कर पीछे देखता है, वह ईश्वर के राज्य के योग्य नहीं''। (लूक. 9,62) इसके लिए उन्हें कई कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ा किन्तु उन्होंने सुसमाचार से बल प्राप्त किया।
संत पापा ने भ्रातृत्व की जीवन शैली पर गौर करते हुए कहा कि भ्रातृत्व का नियम जो
उनके जीवन की विशेषता है वह डॉन जेलो का सापना एवं लक्ष्य था जो आरम्भिक ख्रीस्तीय समुदाय
के आदर्श से प्रेरित है। संत पापा ने उन्हें प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे इस जीवन शैली
को पवित्र आत्मा एवं सुसमाचार की शक्ति पर भरोसा रखते हुए स्पष्ट ख्रीस्तीय साक्ष्य द्वारा
जारी रखें।
संत पापा ने कहा कि डॉन जेनो ने अनाथ एवं पीड़ित बच्चों के दुःखों को देखकर समझ लिया
कि वे मात्र प्रेम की भाषा को ही समझ सकते है अतः उन्होंने एक ऐसे समाज की स्थापना की
जहाँ एकाकीपन के लिए कोई जगह न हो बल्कि सहयोग की भावना विभिन्न परिवारों के लिए शक्ति
का स्रोत बने और जहाँ वे विश्वास में एक-दूसरे को भाई बहन के रूप में पा सकें। इस तरह
नोमादेलफिया प्रभु के विशेष बुलावे का प्रत्युत्तर है।
संत पापा ने समुदाय को बुजूर्गों की देखभाल करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा कि नोमादेलफिया
की एक महान दीनता एवं चिन्ह है बुजूर्गों की ओर स्नेहपूर्ण ध्यान देना। उन्होंने कहा
कि वे जहाँ कहीं भी उदारता के लिए बुलाये जाते हैं, भ्रातृ प्रेम के इस आदर्श को ठोस
चिन्हों एवं कामों द्वारा बनाये रखें, खासकर, डॉन जेलो के मनोभाव को बनाये रखें। उन्होंने
कहा कि वे दुनिया जो ख्रीस्त की शिक्षा के विरूद्ध जाना चाहती है उसके प्रति विरोध की
भावना न रखें बल्कि सुसमाचार से प्रेरित होकर जीवन के प्रसन्नचित एवं सौम्य साक्ष्य द्वारा
उसका प्रत्युत्तर दें।
संत पापा ने उनके स्वागत के लिए धन्यवाद देते हुए उनके अर्थपूर्ण एवं स्नेहिल मुलाकात
के लिए धन्यवाद दिया। अंत में उनके साथ पिता हमारे की प्रार्थना की तथा उन्हें अपना प्रेरितिक
आशीर्वाद दिया एवं उनपर पवित्र आत्मा का उंजियाला एवं सामर्थ्य की कामना की।
संत पापा ने नोमादेलफिया समुदाय को उनके उपहार के लिए धन्यवाद दिया।
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