2018-05-07 17:22:00

'आधुनिक युग की दासता' मंच को संत पापा फ्राँसिस का वीडियो संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार 7 मई 2018 (रेई):  अर्जेंटीना के बोनस आर्यस में 5से 8 मई 2018 तक चल रहे आधुनिक युग की दासता पर चल रहे मंच को संत पापा फ्राँसिस ने एक वीडियो संदेश भेजा। बोनस आर्यस के ओर्थोडोक्स महाधर्मप्रांत इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे हैं और कैलिफोर्निया, बर्कली के अथनागोरस संस्थान के कुलपति आर्थिक सहायता दे रहे हैं। यह मंच आधुनिक युग की दासता के मुद्दे को हल करने और समस्या के समाधान का प्रस्ताव देने के लिए विद्वानों, नीति निर्माताओं, शांतिकर्मियों और धर्मविदों जैसे जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों से विशेषज्ञों को एक साथ लाता है। यह मंच ऑत्थोडोक्स कलीसिया के नेता प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोमेयो  और कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेल्बी द्वारा शुरू किए गए काम को जारी रखा है। दोनों कलीसियाओं के नेताओं ने 2017 में इस्तांबुल, तुर्की में इस तरह के सम्मेलन को  शुरु किया था।

संत पापा फ्राँसिस ने अपना संदेश प्रतिभागियों के सामने आने वाली समस्या के पैमाने के एक उदाहरण के साथ शुरू किया। संत पापा ने आज की दुनिया में दासता और मानव तस्करी के कुछ रूपों जैसे, ऋण और यौन शोषण के माध्यम से श्रमिकों के शोषण को सूचीबद्ध कर प्रतिभागियों को एक चौंकाने वाली छवि प्रस्तुत की।

"हाल के कुछ आंकड़ों के अनुसार, 40 मिलियन से अधिक लोग, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे दासता का सामना करते हैं। हम यह सोच सकते हैं कि यदि वे एक ही शहर में रहते हैं, तो यह हमारी पृथ्वी पर सबसे घनी आबादी वाला शहर होता और बोनस आर्यस के शहरी क्षेत्र की आबादी चार गुना अधिक हो जाता।"

मानवता के खिलाफ अपराध

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में आधुनिक युग की दासता के अभ्यास "उदासीनता की जंजीर" तोड़ने की जरुरत है।

मूल कारण

संत पापा ने इस बात पर भी जोर दिया कि दासता की समस्या को हल करने की कुंजी मूल कारणों को संबोधित करने और उन देशों की स्थितियों में सुधार करना है जहां दासता आम है।

"यदि कुछ राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा मनुष्यों के शोषण को दंडित करने के लिए विशेष रूप से कठोर नीति अपनाना पर्याप्त नहीं है। बाद में कारणों को संबोधित नहीं किया जाता है, तो समस्यायें गहरी जड़ जमा लेंगी।

जब देश अत्यंत गरीबी का सामना करते हैं, हिंसा और भ्रष्टाचार का सामना करते हैं, वहाँ न तो अर्थव्यवस्था, न ही विधायी ढांचे और न ही मूल आधारभूत संरचनाएं प्रभावी होती हैं; वे सुरक्षा, संपत्ति या आवश्यक अधिकारों की गारंटी देने में विफल रहते हैं। इस तरह, इन अपराधों के अपराधियों के लिए कुल दंड के साथ काम करना जारी रखना आसान है।"

संत पापा ने मंच के प्रतिभागियों को याद दिलाया कि आधुनिक युग की दासता को समाप्त करने का काम एक लम्बी प्रक्रिया है इसके लिए बहुत ही साहस, धैर्य और दृढ़ता की आवश्यकता है।








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