2018-05-04 11:59:00

वाटिकन संग्रहालय की डायरी में द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहास का विवरण


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 4 मई 2018 (रेई,वाटिकन रेडियो):  वाटिकन संग्रहालय के पूर्व निर्देशक बारथोलोमेओ नोगारा की डायरियों से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वाटिकन की जीवन यापन शैली प्रकाश में आ रही है। नोगारा की डायरियों में सन् 1920 ई. से लेकर 1954 तक का विवरण लिखा है।  

कोमो के निवासी प्राध्यापक बारथोलोमेओ नोगारा सन् 1920 में तत्कालीन सन्त पापा बेनेडिक्ट 15 वें द्वारा वाटिकन संग्रहालय के निर्देशक नियुक्त किये गये थे। सन् 1954 ई. तक वे संग्रहालय के निर्देशक रहे थे जिस दौरान उन्होंने वाटिकन की गतिविधियों पर अपनी डायरियों में पूर्ण विवरण लिखा था। नोगारा की ये डायरियाँ 02 मई को उनके पोते द्वारा वाटिकन के अधिकारियों के सिपुर्द कर दी गई थी।  

ये डायरियाँ कुल मिलाकर 41 हैं जिनके कुछेक अंशों को वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमाने ने प्रकाशित भी कर दिया है। प्रकाशित अंशों के अनुसार नोगारा तथा वाटिकन संग्रहालय के कई अधिकारियों ने मिलकर नाज़ियों द्वारा उत्पीड़ित एवं निर्वासित यहूदियों को शरण प्रदान की थी। इनमें प्रमुख थीं जर्मन महिला हेरमिन स्पायर जिन्हें 1933 ई. में यहूदी होने के कारण जर्मनी में नौकरी से निकाल दिया गया था। हेरमिन ने वाटिकन संग्रहालय में शरण ली थी और वे पहली महिला थी जिन्हें बाद में वाटिकन संग्रहालय में ही नौकरी प्रदान की गई थी।  

यहूदियों को शरण प्रदान करने के अतिरिक्त, डायरियों से पता चला है कि संग्रहालय ने इटली के विपक्षी दलों के सदस्यों को भी शरण प्रदान की थी। साथ ही उन कलाकृतियों का भी विवरण मिला है जिनकी रक्षा वाटिकन संग्रहालय में की गई थी।

इसके अलावा, सन्त पापा पियुस ग्यारवें के साथ वार्तालाप के भी विवरण लिखे हैं जिन्होंने वर्षा के कई दिन वाटिकन संग्रहालय में रहकर गुज़ारे थे। साथ ही वाटिकन संग्रहालय को लन्दन, पेरिस, अथवा बर्लिन के संग्रहालयों के स्तर तक लाने हेतु किये गये प्रोफेसर नोगारा के प्रयासों का भी विवरण शामिल है।








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