2018-05-03 16:12:00

आर्मीनियाई धर्मगुरू ने देश में मेल-मिलाप की अपील की


येरेवान, बृहस्पतिवार, 3 मई 2018 (एशियान्यूज़)˸ आर्मीनियाई कलीसिया के शीर्ष (कथोलिकोस) कारेकिन द्वितीय ने 2 मई को जारी एक अपील में आर्मीनिया के अधिकारियों एवं विपक्ष को वैधता के ढांचे के भीतर कार्य करने का आह्वान किया है और बातचीत के माध्यम से देश में राजनीतिक संकट को हल करने के तरीकों की तलाश की अपील की है। ।

अपील के जवाब में, विपक्षी नेता निकोल पश्नीन्यान ने सभी आर्मीनियाई लोगों से प्रदर्शन को रोकने के लिए कहा है, क्योंकि उन्हें संसद से आश्वासन मिला है कि 8 मई को उन्हें प्रधानमंत्री चुना जा सकता है।

उन्होंने गणराज्य प्राँगण में एकत्र हुए हजारों प्रदर्शनकारियों के सामने कहा - सभी संसदीय समूहों ने घोषणा की है कि वे मेरी उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे।

कारेकिन द्वितीय की अपील इचमजद्दीन के कुलपति द्वारा जारी की गई थी।

आर्मीनियाई कलीसिया के कथोलिकोस कारेकिन द्वितीय ने लिखा, "देश की स्थिति अत्यन्त तनाव पूर्ण एवं चिंताजनक है। हम लोगों को निमंत्रण देते हैं कि वे आगे के हर प्रकार के टकराव की संभवना को दूर करते हुए आपसी समझदारी में समाधान एवं समझौता की खोज करें।"

उन्होंने कहा कि इस स्थिति को दूर करने के प्रयासों को जारी रखने के लिए हम वार्ता शुरू करने हेतु सभी संसदीय दलों को आमंत्रित करते हैं। हमारी अपील उत्तेजना बढ़ाने और नफरत के प्रसार की अनुमति के बिना, एकजुटता और समझदारी के लिए है।

1 मई को, आर्मीनियाई संसद, प्रधानमंत्री पद के लिए पश्नीन्यान का चुनाव करने में नाकाम रही। उनकी एकमात्र उम्मीदवारी थी, जिसको रिपब्लिकन पार्टी ने वोट दिया था, जिसमें 55 प्रतिनिधियों ने उनके खिलाफ और केवल 45 ने उनके पक्ष में मतदान किया था।

सरूक्यान के सदस्यों के साथ अन्य विपक्ष दलों ने उनका समर्थन नहीं किया। ई आई के नेतृत्व वाली विपक्ष दल ने 2 मई से हड़ताल की घोषणा की जिसको पाशिन्यान ने तत्काल सम्बोधित कर कहा, यह नागरिकों का शांतिपूर्ण अवज्ञ है। उन्होंने ज्वार्तनोतस हवाई अड्डा तथा शहर की ओर जाने वाली सड़कों को बंद करने का अह्वान किया।

बंद तुरन्त प्रभावशाली हो गया। परिवहन मंत्रालय ने स्वीकार किया कि वे यात्रियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते। रेल सेवा कर्मी वार्डेन अलओजान ने प्रेस कार्यालय से कहा कि सभी रेल सेवायें रोक दी गयीं हैं। शहर में कार के द्वारा यात्रा करना भी असम्भव है और यहाँ तक कि भूमिगत मार्ग भी अवरूद्ध कर दिये गये हैं। 

राजधानी के सभी क्षेत्रों और शहर की सड़कों पर, विरोध एक विशाल रूप ले लिया है, लेकिन डर है कि कहीं यह एक दुखद संघर्ष में न बदल जाए।








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