2018-05-01 16:21:00

धर्म एवं राजनीति को मिश्रित न करें, उपराष्ट्रपति


तिरुवल्ला, मंगलवार, 1 मई 2018 (मैटर्स इंडिया)˸ भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 30 अप्रैल को लोगों से अपील की कि वे धर्म और राजनीति को एक साथ न मिलायें।

नायडू, मलंकरा मार थॉमा सीरियाई कलीसिया के ससम्मान सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष  फिलिपोस मार क्रिसोस्टॉम के 101 वें जन्मदिन पर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।

इसी दिन महाधर्माध्यक्ष जोसेफ मार थॉमा के पुरोहित अभिषेक की हीरा जयन्ती भी मनायी गयी।

उप राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि धार्मिक नेता आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं जबकि राजनेता स्पष्ट राजनीति प्रदान करने के लिए देश की महान विरासत से प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने कहा, "मैं आशा करता हूँ कि धर्म और राजनीति ये दोनों मिश्रित न हों। धार्मिक नेता हर मानव को आध्यात्मिक मार्गदर्शन दे सकें एवं राजनीतिक नेता स्पष्ट राजनीति प्रदान करने के लिए देश की महान विरासत से प्रेरणा लें।" उन्होंने कहा कि तीर्थस्थल भक्ति के स्थान होते हैं जबकि राजनीतिक क्षेत्र सामाजिक एवं सामुदायिक शिक्षा के लिए संभावनाओं के स्थल होते हैं किन्तु यदि वे अपने रास्ते से भटक जाते एवं राजनीति में छींटे और अनचाहे विभाजक बयान जारी करते हैं, तब यह निष्क्रिय हो जाता है।

नायडू ने कहा कि उन्हें सौहार्द, समझदारी, सम्मान एवं साकारात्मक ऊर्जा के चिरस्थायी मूल स्रोत खोजने की आवश्यकता है जिसके कालातीत मूल्य के लिए भारत हमेशा खड़ा रहा।  

फिलिपोस मार क्रिस्तोसतम के योगदान पर गौर करते हुए नायडू ने कहा कि उन्होंने विनोद एवं प्रसन्नचित आचरण द्वारा आशीषों की बारिश की है।

उन्होंने कहा कि क्रिस्तोस्तम ने ख्रीस्तीयता के मूल को आत्मसात किया एवं अपने कार्यों और वचनों द्वारा उसे प्रकट किया।

उन्होंने कहा कि मार थोमा कलीसिया का भारत की स्वतंत्रता के इतिहास में गहरी जड़ है। यह देश की स्वतंत्रता एवं न्याय के लिए हमेशा खड़ी हुई और संकट काल का विरोध किया।








All the contents on this site are copyrighted ©.