2018-05-01 16:59:00

अभेनिरे से संत पापा: 'सुसमाचार आपकी संपादकीय रेखा है'


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 1 मई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 1 मई को वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में अभेनिरे समाचार पत्र के 400 सौ कर्मचारियों एवं उनके परिवार वालों के साथ मुलाकात की जो समाचार पत्र की 50वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं।

संत पापा ने अभेनिरे की स्थापना के समय संत पापा पौल षष्ठम द्वारा कहे गये शब्दों का हवाला देते हुए पत्रकारों से कहा, काथलिक समाचार पत्रों को "सोचने की शिक्षा" देना चाहिए न कि वह सूचना प्रस्तुत करना जो लेने में आसान हो। इसे अंतिम से शुरू किया जाना चाहिए ताकि सच्चाई को व्यंग चित्र तक ही सीमित न कर दिया जाए।

संत पापा ने संदेश में बढ़ाई संत योसेफ के पर्व की याद करते हुए उनके कार्य को सच्चाई, सुन्दरता एवं सार्वजनिक भलाई का प्रसार करने वाला बतलाया।

संत पापा पौल षष्ठम ने चेतावनी दी थी कि काथलिक समाचार पत्र ऐसी चीजों को प्रस्तुत न करे जिसका उद्देश्य प्रभावित करना अथवा ग्राहक बढ़ाना हो बल्कि हमें उनके हित का ध्यान रखना चाहिए जो उन्हें पढ़ते हैं। हमें उन्हें चिंतन करने और न्याय करने सिखाना चाहिए। काथलिक पत्रकारों को कठोरता से दूर रहना चाहिए जो व्यक्ति का दम घोटता अथवा उसे कैद कर लेता। वह पवित्र आत्मा को पिंजरे में बंद नहीं करता किन्तु उसे उड़ने देता है, उसे अपनी आत्मा में स्वास लेने देता है, वह उसे सच्चाई के स्थान पर दिखावा, सुन्दरता को अशिष्टता अथवा सामाजिक मित्रता को संघर्ष में बदलने नहीं देता है। वह जीवन एवं अच्छाई के हर अंकुर को बल प्रदान करता है।  

संत पापा ने पत्रकारों से कहा कि वे मूल्यों को आवाज दें जो लोगों के इतिहास, संस्कृति एवं आध्यात्मिकता में व्यक्त होता है तथा सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक जगत में अपना योगदान देता है। उन्होंने उन्हें कलीसिया की सामाजिक धर्मसिद्धांत का निष्ठापूर्वक व्याख्या करने एवं उसका साक्ष्य देने की सलाह दी।

संत पापा ने कहा कि काथलिक पत्रकारों को याद दिलाया कि वे पाठकों की संख्या बढ़ाने के लिए लुभावनी चीजों को प्रकाशित करने के लिए नहीं बल्कि सुनाने के द्वारा उनकी भलाई करने एवं पाठकों को सोचने और अवलोकन करने की शिक्षा देने के लिए बुलाये गये हैं। उन्हें अपने पाठकों को सच्चाई की खोज करने जिसकी शुरूआत सुसमाचार के नियमित पाठ द्वारा होती है, मदद करने का अथक प्रयास करना चाहिए।

संत पापा ने आशा व्यक्त की कि वे कलीसिया को उन सच्चाइयों को देखने में मदद करें जो बाहर से अथवा ऊपर से दिखाई नहीं पड़ता किन्तु उसके साथ मिल जाता है एवं उसके साथ रह जाता है। उन्होंने कहा कि वे अपनी सेवा द्वारा सभी लोगों में आशा उत्पन्न करें और उसे बढ़ायें।  








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