2018-04-30 14:48:00

स्वर्ग की रानी प्रार्थना, संत पापा ने बतलाया ख्रीस्तीय जीवन का रहस्य,


वाटिकन सिटी, सोमवार, 30 अप्रैल 2018 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 29 अप्रैल को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया, स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

ईश वचन, पास्का के इस पाँचवें रविवार को भी पुनर्जीवित प्रभु का मार्ग दिखलाना एवं उनके समुदाय में लाना जारी रखता है। पिछले रविवार को विश्वासियों एवं येसु भले चरवाहे के बीच संबंध को प्रकाशित किया गया था। आज सुसमाचार एक ऐसा अवसर देता है जिसमें येसु अपने आप को एक सच्ची दाखलता के रूप में प्रस्तुत करते एवं निमंत्रण देते हैं कि हम उनके साथ संयुक्त रहें ताकि प्रचुर फल उत्पन्न कर सकें। (यो. 15: 1-8) दाखलता एक पौधा है जो डालियों से बना है तथा डालियाँ तभी अधिक फल ला सकती हैं जब वे धड़ से जुड़ी हों। यह संबंध ख्रीस्तीय जीवन का रहस्य है। सुसमाचार लेखक योहन इसे ‘रहना’ क्रिया से प्रकट करते हैं जिसको आज के पाठ में सात बार दुहराया गया है, "तुम मुझमें रहो।"

संत पापा ने कहा, "यह प्रभु के साथ रहने का मामला है उनसे साहस पाने का ताकि हम अपने आप से बाहर आ सकें, अपने आराम, अपने घेरे एवं सुरक्षित स्थल को पार कर सकें और दूसरों की आवश्यकताओं को देख सकें तथा दुनिया को अपना ख्रीस्तीय साक्ष्य दे सकें।"

संत पापा ने बतलाया कि अपने आप से बाहर आने तथा दूसरों की आवश्यकताओं को समझने का साहस पुनर्जीवित ख्रीस्त में विश्वास द्वारा उत्पन्न होता है एवं उस निश्चितता द्वारा कि उनकी आत्मा हमारे इतिहास के साथ चलती है। वास्तव में, सबसे  परिपक्व फल पड़ोसियों के प्रति उदारता से उत्पन्न होता है, आत्मत्याग में भाई बहनों से प्रेम एवं ख्रीस्त के साथ संयुक्ति द्वारा जैसा कि येसु ने हमें प्रेम किया है। विश्वासियों की उदारता किसी रणनीति का परिणाम नहीं है। यह बाह्य अनुरोध अथवा सामाजिक या वैचारिक मांग भी नहीं है किन्तु येसु से मुलाकात करने एवं उनके साथ रहने के द्वारा उत्पन्न होता। वे हमारे लिए जीवन हैं जिनसे हमें पोषण प्राप्त होता है जो एक ऐसा जीवन है जिसके द्वारा हम समाज में अलग तरह से जीने एवं समय व्यतीत करने के लिए सक्षम हो जाते हैं। संत पापा ने कहा, "जब कोई व्यक्ति प्रभु से संयुक्त होता है जैसा कि दाखलता एवं डालियाँ आपस में एक-दूसरे से संयुक्त होते हैं तब वह दया, न्याय और शांति के एक नये जीवन का फल उत्पन्न करता है। संतों ने यही किया, उन्होंने ख्रीस्तीय जीवन को पूर्णता से जिया तथा उदारता का साक्ष्य दिया क्योंकि वे प्रभु के जीवन की सच्ची डालियाँ थीं।"

संत पापा ने हर स्तर पर संत बनने की संभावना बतलाते हुए कहा कि संत बनने के लिए धर्माध्यक्ष, पुरोहित एवं धर्मसमाजी होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि प्रेम के साथ जीने एवं अपने दैनिक जीवन में उसका साक्ष्य देने के द्वारा हम सभी संत बनने के लिए बुलाये जाते हैं। हम पुनर्जीवित ख्रीस्त से जो कृपा प्राप्त करते हैं उसके द्वारा हम पवित्र किये जाते हैं। जब हम अपने काम एवं आराम, पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन, राजनीतिक, संस्कृतिक एवं आर्थिक जिम्मेदारियों को तथा हर छोटे-बड़े कार्यों को ख्रीस्त के साथ रहते हुए, प्रेम तथा सेवा के मनोभाव से पूरा करते हैं तो यह बपतिस्मा एवं सुसमाचारी पवित्रता को जीने का अवसर है।     

संत पापा ने प्रार्थना की कि संतों की महारानी तथा अपने दिव्य पुत्र के साथ पूर्ण एकता में रहने वाली माता मरियम हमारी सहायता करे। हमें येसु के साथ रहना सिखलाये जैसा कि दाखलता के साथ डालियाँ जुड़ी होती हैं हम भी उनके प्रेम से कभी अलग न हों। वास्तव में, उनके बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि हमारा जीवन ख्रीस्त में है जो कलीसिया एवं विश्व में विद्यामान रहते हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत उन्होंने सूचना देते हुए कहा, "कल क्राकॉव में, एक लोकधर्मी अन्ना स्यानोवोस्का की धन्य घोषणा हुई। उन्होंने अपना जीवन रोगियों को चंगा करने में व्यतीत किया जिनमें उन्होंने पीड़ित येसु को देखा। आइये, हम रोगियों की इस प्रेरित के साक्ष्य के लिए ईश्वर को धन्यवाद दें एवं उनके उदाहरणों को अपनाने का प्रयास करें।  

संत पापा ने कोरिया के लिए प्रार्थना का आश्वासन देते हुए कहा, "मैं प्रार्थनाओं के साथ पिछले शुक्रवार के अंतर-कोरियाई शिखर सम्मेलन में सहभागी होता हूँ जो परमाणु हथियारों से मुक्त प्रायद्वीप के लिए ईमानदार वार्ता का मार्ग प्राप्त करने के लिए दोनों पक्षों के नेताओं द्वारा उठाई गई साहसी प्रतिबद्धता है। मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि भविष्य में शांति एवं भाईचारा पूर्ण मित्रता की आशा कभी निराश न करे तथा आपसी सहयोग द्वारा, कोरिया के प्यारे लोगों एवं पूरे विश्व के लिए अच्छा फल उत्पन्न करता रहे।"   

संत पापा ने नाईजेरिया में ख्रीस्तीयों पर हुए हिंसक हमले की याद कर कहा कि पिछले सप्ताह, नाईजीरिया के ख्रीस्तीय समुदाय को फिर से हमला का सामना करना पड़ा जिसमें दो पुरोहित समेत कई लोकधर्मी मारे गये। हम इन भाई बहनों को ईश्वर की दया में समर्पित करें ताकि वे अपने समुदायों में शांति एवं सौहार्द का अनुभव कर सकें।

इसके उपरांत संत पापा ने विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा, "मैं सस्नेह आज यहाँ उपस्थित तीर्थयात्रियों का अभिवादन करता हूँ जो विभिन्न दलों के हैं, मैं खासकर, उन दलों का अभिवादन करता हूँ जो ब्रागा, भारत एवं पाकिस्तान से आये हैं। पाविया, क्रेमा एवं विन्याले के विश्वासों एवं दृढ़ीकरण संस्कार ग्रहण करने वाले युवाओं का अभिवादन करता हूँ।"

संत पापा ने असीसी के धर्मबंधुओं एवं काटेक्यूमिनेट के राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों का भी अभिवादन किया।

तत्पश्चात् संत पापा ने रोम के मरियम तीर्थ दीवीनो अमोरे में 1 मई को माता मरियम को समर्पित महीना के उद्घाटन की जानकारी देते हुए, रोजरी माला विन्ती द्वारा माता मरियम की भक्ति करने का प्रोत्साहन दिया एवं कहा, हम रोजरी माला विन्ती करेंगे खासकर, सीरिया एवं विश्व में शांति के लिए। मैं आप सभी को पूरे मई महीने में आध्यात्मिक रूप से एक होने तथा शांति के लिए प्रार्थना करने का निमंत्रण देता हूँ।

अंत में उन्होंने सभी से प्रार्थना का आग्रह करते हुए शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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