2018-04-30 15:48:00

प्रभावी दुनिया में जिज्ञासा के लिए सतर्क रहें, संत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार 30 अप्रैल 2018 (रेई) : बच्चे उत्सुक हैं और प्रभावी दुनिया में उन्हें इतनी बुरी चीजें मिलती हैं। इसलिए युवाओं को जिज्ञासा के कैदी नहीं बनने के लिए मदद की जरूरत है। यह बात संत पापा ने सोमवार को अपने प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में अपने प्रवचन में कही।

संत पापा ने दैनिक पाठ के आधार पर संत योहन के सुसमाचार (योहन 14, 21-26) पर चिंतन करते हुए येसु और शिष्यों के बीच के वार्ता को "जिज्ञासा और निश्चितता के बीच संवाद" के रूप में परिभाषित किया।

"क्यों की खोज करने वाले उम्र"  में जिज्ञासा अच्छी है

अपने प्रवचन में संत पापा ने अच्छी और बुरी जिज्ञासा के बीच के अंतर स्पस्ट किया। उन्होंने कहा,"हमारा जीवन जिज्ञासा से भरा है"। अच्छी जिज्ञासा के उदाहरण के रुप में उन्होंने  बच्चों को इंगित कर कहा कि"क्यों की खोज वाली उम्र" में बच्चे बड़ों से बहुत सारे प्रश्न पूछते हैं। वे जो चीजें देखते हैं और जिन्हें वे समझ नहीं पाते हैं। उसके बारे जानने की कोशिश करते हैं। यह "चिंतनशील जिज्ञासा" है, वे एक स्पष्टीकरण की तलाश में हैं। यह एक अच्छी जिज्ञासा है, क्योंकि यह विकसित करने और "अधिक स्वायत्तता" प्रदान करता है क्योंकि "बच्चे देखते हैं, सोचते हैं, और नहीं समझते हैं तो उसे पूछते हैं।

प्रभावी दुनिया में चापलूसी से सावधान

संत पापा ने कहा कि हमें चापलूसी से सावधान रहनी चाहिए। "चापलूसी" एक अच्छी जिज्ञासा नहीं है। बुरी जिज्ञासा में "दूसरों के जीवन की बदबू" शामिल है। लोग दूसरों के उन चीजों को जानने की कोशिष करते हैं या उन चीजों को समझने की कोशिष करते हैं जिन्हें जानने का अधिकार उन्हें नहीं है और अंततः खुद उस गंदगी में शरीक हो जाते हैं। इस तरह की बुरी जिज्ञासा "हमारे जीवन में हमेशा रहेगी। यह एक प्रलोभन है इससे हमें सावधान रहना है।

संत पापा ने फोन का उदाहरण देते हुए कहा कि मोबाइल को देखकर बच्चो में जिज्ञासा बढ़ती है वे बहुत सी खराब चीजों को पाते हैं। उस जिज्ञासा में कोई अनुशासन नहीं है। हमें बच्चों को इस दुनिया में रहने में मदद करनी चाहिए, क्योंकि जानने की इच्छा, उत्सुक होने की इच्छा नहीं है और यह जिज्ञासा उन्हें कैदी बना देती है।

पवित्र आत्मा निश्चितता देता है

संत पापा ने कहा कि सुसमाचार में प्रेरितों की जिज्ञासा अच्छी थी, वे जानना चाहते थे कि उनका क्या होगा। येसु ने निश्चितता से जवाब दिया कि पवित्र आत्मा आएगा और वह सब कुछ सिखाएगा और उन सभी को याद दिलाएगा जिसे येसु ने चेलों को सिखाया था। संत पापा ने कहा,“पवित्र आत्मा हमें जीवन में निश्चितता देगी। पवित्र आत्मा की निश्चितता बंडल में नहीं आती है। हम जीवन में  जिस क्षण पवित्र आत्मा से पूछते हैं, उस के लिए अपना दिल खोलते हैं और वह हमें उस क्षण के लिए उस पल के जवाब में निश्चितता देता है। पवित्र आत्मा ख्रीस्तीयों का साथी है।

प्रवचन के अंत में संत पापा ने ईश्वर से दो कृपा मांगने के लिए प्रेरित किया सबसे पहले, जिज्ञासा को स्वीकार करने में खुद को शुद्ध करने के लिए और यह जानने के लिए कि मुझे इसे देखने की ज़रूरत नहीं है, मुझे इसे देखना नहीं है , मुझे यह पूछने की ज़रूरत नहीं है....और दूसरी कृपा: दिल को पवित्र आत्मा के लिए खोलना। क्योंकि पवित्र आत्मा हमें निश्चित रूप से येसु के सिखाई शिक्षा के बारे में एक साथी के रूप में, निश्चितता देता है और हमें सबकुछ याद दिलाता है।








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