2018-04-21 15:18:00

बोलोग्ना और चेसेना धर्मप्रांत के विश्वासियों को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, शनिवार 21 अप्रैल 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 21 अप्रैल को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में इटली के बोलोग्ना और चेसेना धर्मप्रांत से आये हुए करीब तेरह हजार तीर्थयात्रियों और विश्वासियों से मुलाकात की।

संत पापा ने उन्हें इन शब्दों से स्वागत किया,“ मैं आप सभी का सस्नेह अभिवादन करता हूँ। आपकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद! संत पेत्रुस के कब्र के दर्शन हेतु इस तीर्थयात्रा से आप पिछले वर्ष 1 अक्टूबर को मेरी आपके धर्मप्रांतों की यात्रा की याद दिलाते हैं। मैं आपका बहुत आभारी हूँ।”

अपनी यात्रा की याद करते हुए संत पापा ने बोलोग्ना के महाधर्माध्यक्ष मत्तेयो जुप्पी और चेसेना के धर्माध्यक्ष दौलास रेगातियेरी तथा सभी पुरोहितों, धर्मसंघियों और लोकधर्मियों को पुनः धन्यवाद दिया जिन्होंने 1 अक्टूबर को सफल बनाने के लिए अपना योगदान दिया था। संत पापा ने वहां उपस्थित नागर अधिकारियों, पुरोहितों, धर्मसंघियों और विश्वसियों के साथ धर्मप्रांत के बीमार और बुजुर्गों का भी स्वागत किया जो आध्यात्मिक रुप से इस तीर्थयात्रा में सहभागी हो रहे हैं।

संत पापा ने कहा,“गत वर्ष चेसेना में हमने संत पापा पियुस छठे का 300वां जन्मदिन का समारोह मनाया साथ ही संत पापा पियुस सातवें को भी याद किया। आपके धर्मप्रांत से रोम के ये दोनों धर्माध्यक्षों ने आपको सुसमाचार प्रचार के लिए आपको प्रेरित किया है। सुसमाचार प्रचार के लिए अनेक पुरोहितों और धर्मसंघियों ने अपने आप को समर्पित किया है। आप भी उदारतापूर्वक इस कार्य को जारी रखने के लिए बुलाये गये हैं। ख्रीस्तीय अपने दैनिक जीवन में प्रेम और भाईचारे को अपने उदार कार्यों द्वारा प्रदर्शित कर समाज के खमीर बनते हैं।

संत पापा ने बोलोग्ना धर्मप्रांतीय युखारिस्तीय कांग्रेस के समापन पर पवित्र मिस्सा समारोह में भाग लेने वाले विश्वासियों के उत्साह की याद करते हुए कहा, “येसु की पवित्र बलि वेदी के चारों ओर एकत्रित ख्रीस्तीय समुदाय के विश्वास की यात्रा पर एक अचूक छाप छोड़ी है। आप जैसे ख्रीस्तीय समुदाय के लिए मैंने हाल ही के प्रेरितिक उद्बोधन ‘ गाउदेते एत एक्सुलताते’ में कहा है कि ईश्वर के वचन को साझा करने और पवित्र युखरिस्तीय समारोह में भाग ने से हम ख्रीस्त में भाई और बहन बन जाते हैं और धीरे-धीरे हमें एक पवित्र और मिशनरी समुदाय में बदल जाते हैं" (संख्या 142)। वास्तव में युखारिस्त हमें एक साथ लाता और कलीसिया बनाता है। येसु ख्रीस्त द्वारा स्थापित कलीसिया में हम लोगों से यहाँ तक कि अजनबियों से भी एकजुटता का प्रदर्शन करते हैं।

संत पापा ने कहा, “युखारिस्त का अर्थ है धन्यवाद। युखारस्त हमें धन्यवाद देने की आवश्कता को महसूस कराता है। यह हमें समझता है कि "देने की अपेक्षा देना अधिक सुखद है।" (प्रेरित 20:35)। यह हमें देने की प्राथमिकता में शिक्षित करता है। यह हमें सही मूल्यों को सिखाती है सांसारिक वास्तविकताओं को पहले नहीं, बल्कि आध्यत्मिक चीजों की खोज करना सिखाती है। नश्वर भोजन के लिए नहीं बल्कि उस भोजन के लिए परिश्रम करना है जो अनंत जीवन तक बना रहता है।" (योहन 6:27)

अंत में संत पापा ने हर बपतिस्मा प्राप्त ख्रीस्तीय को अपने समुदायों में पवित्रता के लिए आह्वान करते हुए प्रोत्साहित किया और कहा कि उपर की चीजों की तलाश में कभी न थकें। अपने दैनिक जीवन में साधारण कार्यों को करते हुए पवित्रता के मार्ग में आगे बढ़ें। और अपने धर्मप्रांत में नये उत्साह और आवेग के साथ सुसमाचार का प्रचार करें। इस पवित्र कार्य को करने में माता मरिया का साथ हमेशा रहात है। माता मराया के संरक्षण में सिपुर्द करते हुए संत पापा ने उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








All the contents on this site are copyrighted ©.