2018-03-09 15:53:00

परमधर्मपीठीय न्याय परिषद के सदस्यों को संत पापा का संबोधन


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 9 मार्च 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 9 मार्च को वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में परमधर्मपीठीय न्याय परिषद के सदस्यों को संबोधित किया।

संत पापा ने कार्डिनल माउरो पियचेंजा को स्वागत भाषण के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने परमधर्मपीठीय न्याय परिषद के सभी सदस्यों और विभागीय सेमिनार के लिए आये हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस वर्ष, युवा लोगों के अगले धर्मसभा को देखते हुए ‘पुनर्मिलन संस्कार और बुलाहट की आत्म परख के बीच संबंध’ को विषय-वस्तु के रुप में रखा गया है। यह एक बहुत ही उपयुक्त विषय है इसके कुछ विचार मैं आपके साथ साझा करना चाहूंगा।

आप पापमोचक , विशेष रूप से आप भविष्य में पापामोचक बनने की तैयारी में हैं और इसलिए आपको युवा होने के नाते, पुनर्मिलन संस्कार को "युवाओं के बीच में युवा" के रूप में रहने में सक्षम होना है और कभी-कभी, भाषाओं की आत्मीयता के साथ, उम्र की निकटता भी पवित्र संस्कार का समर्थन करती है। आप अपने प्रेरिताई की शुरुआत में हैं और इसलिए आपको अभी सभी अनुभवों को प्राप्त करना है जो कि प्रायश्चित्तों को सुनने के दशकों के बाद एक "भरोसेमंद पापमोचक" को प्राप्त होता है।

आज की परिस्थिति में युवाओं के बीच किस तरह प्रेरिताई कार्य करना है और उन्हें अपने बुलाहट को पहचानने में मदद करना है, इस बारे में संत थोमस अक्विनस कहते हैं कि हमारी प्रेरिताई के मुख्य आयाम का पता लगाना आवश्यक है। पुरोहित दंडमोचक के रुप में दया का श्रोत नहीं है और न ही अपरिहार्य साधन, वह तो एक माध्यम मात्र है। यह ज्ञान हमें “विवेक के स्वामी” बनने के जोखिम से बचाएगा। विशेषकर युवाओं के साथ संबंध स्थापित करने में आपको इस बात पर ध्यान देना होगा कि आपको उदारता के साथ सबसे पहले पवित्र आत्मा की आवाज सुननी होगी जो समझ के वास्तविक प्रयास की गारंटी देता है। आपके स्थान में मसीह सर्वोच और अनंत पुरोहित स्पस्ट रुप से प्रकट होते हैं। अतः आप अपने को प्रभु के दीन सेवक के रुप में समझें।

संत पापा ने कहा,“दूसरी बात आप युवाओं की बात ध्यान से सुनें। जहाँ जरुरत हो उनसें प्रश्न करें। संत पापा ने कहा कि पुरोहित पापस्वीकार पीठिका में लोगों की बातें सुनने के लिए ही बैठते हैं। वे पवित्र आत्मा की आवाज सुनें और पापी के पापों को सुनें। वे भाई बहनों के रुप में खुद येसु की बातों को सुनते हैं और इसलिए उदारता के साथ भाई बहनों के लिए दया का साधन बनें। यह महत्वपूर्ण है कि आध्यत्मिक यात्रा में लोग एक आध्यात्मिक सलाहकार बनने का लिए अनुरोध करते हैं तो इस तरह के अनुरोध को स्वीकार करना चाहिए और कभी भी खुद किसी के आध्यात्मिक सलाहकार बनने के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहिए।

संत पापा ने कहा आप जो उपदेश देते हैं उसका पालन करें। आपके बोलने और करने में अंतर न हो। इसतरह आपके जीवन से प्रेरित होकर युवा प्रभु के पास आने का साहस करेंगे।








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