2018-03-08 15:31:00

प्राधिधर्माध्यक्ष मार लुईस रफाएल साको को 2018 का नोवेल शांति पुरस्कार


बागदाद, बृहस्पतिवार, 8 मार्च 2018 (एशियान्यूज़)˸ ईराक की खलदेई कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष मार लुईस रफाएल साको को 2018 के नोवेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है।

प्राधिधर्माध्यक्ष रफाएल साको ने एशियान्यूज़ से कहा कि उनके लिए पुरस्कार प्राप्त करना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण है उसका प्रतीकात्मक मूल्य क्योंकि यह ईराक के लोगों की ओर ध्यान आकृष्ट करने में मदद देगा। वहाँ के ख्रीस्तीय समुदाय की ओर लोगों का ध्यान खींचेगा जो आज भी हिंसक आक्रमण के शिकार हैं। यह देश के भविष्य के लिए काम करने में भी मदद देगा।

उन्होंने बतलाया कि संत पापा फ्राँसिस के साथ हाल में हुई मुलाकात में उन्होंने नैतिक और आध्यात्मिक समर्थन की मांग की थी जिसकी वास्तव में आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पुरस्कार के लिए उम्मीदवार बनना इसी से प्रेरित है तथा हमारे पीड़ित एवं अन्य अल्पसंख्यकों और हाशिये पर जीवन यापन करने वालों के प्रति उदासीनता पर काबू पाने के लिए एक असाधारण योगदान का प्रतिनिधित्व करता है।

ईराक के खलदेई प्राधिधर्माध्यक्ष ने शांति, सहअस्तित्व और मेल-मिलाप के लिए अथक परिश्रम किया है पहले एक धर्माध्यक्ष के रूप में और अभी एक प्राधिधर्माध्यक्ष के रूप में कर रहे हैं। 

देश के लिए यह एक अति आवश्यक कार्य है जो हिंसा, आंतरिक कलाह और सांप्रदायिक विभाजन से प्रभावित है।

काथलिक संगठन ल चेयूव्रे द ओरियन्तने ने उनके इतिहास को जनवरी के अंतिम सप्ताह में आगे बढ़ाया था जिसे नोर्वेजियन नोवेल समिति ने स्वीकार कर लिया है।

उनकी उम्मीदवारी को ईराक एवं विश्व के हिस्सों से (खासकर, फ्राँस में) समर्थन प्राप्त है। उनके समर्थकों में  ख्रीस्तीयों के साथ-साथ मुस्लिम भी हैं जो शांति और सहअस्तित्व के लिए की गयी उनके कार्यों की सराहना करते हैं।

प्राधिधर्माध्यक्ष मार लुईस रफाएल साको ने 31 जनवरी 2013 को ईराक की खलदेई कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष का कार्यभार संभाला। उनका जन्म 4 जुलाई 1948 को उतरी ईराक के ज़ाखो मे हुआ था। उनका पुरोहिताभिषेक 1 जून 1974 को हुआ था।

किरकुक के महाधर्माध्यक्ष योसेफ थोमा मिरकिस ने कहा, ̎हमारी आशा है कि यह उम्मीदवारी आगे बढ़ेगी और एक साकारात्मक परिणाम के साथ समाप्त होगी।̎ उन्होंने कहा कि यह उम्मीदवारी न केवल व्यक्तिगत है किन्तु ईराक एवं मध्यपूर्व के सभी ख्रीस्तीयों के लिए है जिन्होंने विगत सालों में कड़ा संघर्ष किये, दृढ़ रहे एवं अहिंसक बने रहे और इन सबके बीच शांति, मानव अधिकार, सहअस्तित्व और देश मे विकास की खोज की।   

उन्होंने कहा कि प्राधिधर्माध्यक्ष को नोवल पुरस्कार मिलना कलीसिया के उन शहीदों की याद दिलायेगा जिन्होंने विश्वास के कारण अपना जीवन बलिदान कर दिया।








All the contents on this site are copyrighted ©.