2018-03-05 16:09:00

मिंडानाओ आदिवासी महिलाओं ने मठवासी धर्मबहनों से मदद मांगी


मनिला, सोमवार 5 मार्च 2018 (ऊकान) : दक्षिणी फिलीपींस में संघर्ष से विस्थापित हुए आदिवासी महिलाओं के एक समूह ने मनिला में मठवासी धर्मबहनों से मदद और प्रार्थना की मांग की। ये धर्मबहनें अपने गुलाबी हाबिट (पोशाक) की वजह से "गुलाबी धर्मबहनों" के रूप में जानी जाती हैं।

एक दुर्लभ अवसर में, मिंडानाओ की महिलाओं को एक लम्बी औपचारिकताके बाद ‘सतत आराधना के पवित्र आत्मा की दासी-बहनों’ से मिलने की अनुमति दी गई। प्रार्थना पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए मठवासी धर्मबहनें अपने आप को  जानबूझकर दुनिया से अलग करती हैं।

कस्लोव आदिवासी समूह की प्रवक्ता यूफेमिया कुलियामाट ने कहा कि उन्होंने अपने आदिवासी क्षेत्रों में शांति और न्याय के लिए ईश्वर को अपना संघर्ष समर्पित कर दिया। कुलियामाट ने 28 फरवरी को बैठक के दौरान 20 धर्मबहनों को बताया,"आपकी प्रार्थनाएं हमें बड़ी चुनौतियों का सामना करने का ताकत देती हैं।" उन्होंने बताया कि आदिवासी समूह में खनन कार्यों के विरोध में मारे जाने वाले आदिवासी नेताओं के दो बेटे शामिल हैं।

डीओनेल कैम्पोस नामक एक मृत आदिवासी नेता की बेटी शीना कैम्पोस ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि ऐसे लोग हैं जो पूरा जीवन अन्य लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं। हम उनके शुक्रगुजार हैं।"

डीओनेल कैम्पोस को 2015 में लिंगा शहर में मारा गया था। अर्धसैनिकों ने उन्हें और उनके समुदाय के कम्युनिस्ट विद्रोहियों की सहायता करने का आरोप लगाया था

पिछले साल, फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो ड्यूटरटे ने क्षेत्र में आदिवासी स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि विद्रोहियों ने उनका इस्तेमाल किया था। उसके बाद सेना के हमले के डर से कई परिवार गाँव से भाग गये। राष्ट्रपति ड्यूटेरटे के सत्ता में आने के बाद से मानव अधिकार समूह कराततन ने जुलाई 2016 के बाद से 34 आदिवसियों  की हत्याओं को दर्ज किया है।

आदिवासी महिलाओं ने धर्मबहनों से मिंडानाओ में "उचित और दीर्घकालीन शांति" और मानव अधिकारों के दुरुपयोग के शिकार लोगों के न्याय के लिए प्रार्थना करने को कहा।

महिलाओं से मुलाकात कर सिस्टर ह्युमिलिस ने कहा कि मठवासी धर्मबहनें आदिवासियों के निवेदन को अपनी प्रार्थना और तपस्या में सम्मिलित करेंगी। उन्होंने कहा, "हम प्रार्थना और बलिदान के माध्यम से कलीसिया के मिशनरी काम में भाग लेने के लिए यहां हैं।"

सिस्टर एवलिन के नेतृत्व में आदिवासी महिलाएँ मठवासी धर्मबहनों से मिलने आयी थी। सिस्टर एवलिन ने कहा कि प्रार्थना "बुराई को जीतने का सबसे अच्छा हथियार है।"








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