2018-02-19 15:16:00

आध्यात्मिक साधना हेतु संत पापा अरिच्चा में, येसु के प्यास की खोज


अरिच्चा, सोमवार,19 फरवरी 2018 (रेई) :  संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के अन्य कर्मचारियों के साथ रविवार 18 फरवरी पूर्वाहन को साप्ताहिक आध्यात्मिक साधना  के लिए रोम से बाहर अरिच्चा स्थित ‘कासा देल दिवीनो मायेस्त्रो’ आध्यात्मिक साधना केंद्र हेतु प्रस्थान किया।

संत पापा फ्राँसिस एवं परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के कर्मचारियों की आध्यात्मिक साधना का संचालन पुर्तगाल स्थित लिस्बन काथलिक विश्वविद्यालय के वाइस-रेक्टर और संस्कृति हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के सलाहकार फादर होसे टोलेंटीनो मेंडोन्सा कर रहे हैं।  आध्यात्मिक साधना हेतु विषय वस्तु है "प्यास की प्रशंसा"    

 रविवार शाम को संचालक फादर फादर जोस तोरेनतीनो ने आध्यात्मिक साधना के पहले ध्यान चिंतन के लिए संत योहन के सुसमाचार से उस भाग को लिया जहाँ याकुब के कुँए पर समारी स्त्री से येसु की मुलाकात होती है। (योहन 4.5-24)

याकुब के कुँए पर बैठे येसु ने समारी स्त्री से पानी मांगा। एक यहूदी का सामारी स्त्री से बातें करना और पानी मांगना एक आश्चर्यजनक और यहुदियों के लिए बड़ी ही शर्मिंदगी की बात है। आज येसु हमसे मांग करते हैं और कहते हैं "जो कुछ भी तुम्हारे पास है उसे मुझे दे दो। अपना दिल खोलो, मुझे बताओ कि तुम क्या हो।"

येसु का अनुरोध हमें परेशानी में डालता हैं क्योंकि हम उनसे पानी मांगने आये हैं। हम प्यासे हैं और इस प्यास को बुझाने के लिए कड़ी मेहनत और इच्छा की जरुरत है। फादर जोस ने कहा कि जो लोग दूसरों से कुछ पाने के लिए बैठे रहते हैं वे भिखारी हैं। दिनभर की कड़ी मेहनत के बाद थकान का अनुभव करते हैं। येसु भी एक तरह से भिखारी हैं। उन्हें भी दूसरे के प्रेम और देखभाल की जरुरत थी। "न केवल मनुष्य है जो ईश्वर का भिखारी है। "ईश्वर भी मनुष्य का भिखारी है"।

अपनी कमजोरी के साथ वे हमारी तलाश करने आये

अपनी कमजोरी के साथ, येसु "हमें ढूंढ़ने आये" "सबसे कमजोर और हमारी कमजोरी के नींद में, आइए हम येसु की प्यास को समझें"। यह पानी की प्यास नहीं है,  इससे बहुत बड़ी है: यह "हमारे घावों के संपर्क में आने के लिए हमारी सीमाओं तक पहुंचने की प्यास है" "। वे हमसे पूछते है: "मुझे पानी दे दो।"

येसु खुद हमारे पास आते हैं वे हमसे मिलने की पहल करते हैं जैसा कि उन्होंने समारी स्त्री से किया था। जब येसु ने स्त्री को ज़िंदगी के सच्चाई को बताया, "यह उसे अपमानित या विवस करने के लिए नहीं। सच्चाई बताकर प्रभु ने उसे मुक्त किया। उसे प्रभु का अनुग्रह प्राप्त हुआ।

फादर जोस ने कहा कि ईश्वर जानते हैं कि हम उनके सामने हैं इन दिनों आइये हम प्रभु के लिए अपना दिल खोल दें प्रभु हमसे कहते हैं : "मैं सिर्फ तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं, तुम मुझे क्या दे रहे हो।"

संचालक फादर जोस ने कहा कि सोमवार 19 फरवरी से शुक्रवार 23 फरवरी तक आध्यात्मिक साधना का कार्यक्रम आस प्रकार होगीः

प्रातः 7.30 बजे पवित्र मिस्सा समारोह होगा, 9,30 बजे पहला उपदेश तथा शाम 4 बजे दूसरा उपदेश होगा। इसके बाद संध्या प्रार्थना और पवित्र साक्रामेंत की आराधना होगी। 








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