2018-02-17 14:18:00

मध्य प्रदेश, पेंटेकोस्टल ख्रीस्तीयों को 'बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन' के आरोप में 6 महीने जेल की सजा


मुम्बई, शनिवार 17 फरवरी 2018 (रेई) : मध्य प्रदेश न्यायालय ने 13 पेंटेकोस्टल ख्रीस्तीयों को 'बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन' के आरोप में 6 महीने जेल की सजा सुनायी। आरोपियो में बलू केसू और उनकी पत्नी भुरी भी शामिल हैं वे दोनों अंधे हैं। उनके बचाव वकील कमलेश पाटीदार ने उनके लिए सजा को कम करने की कोशिश की, लेकिन न्यायाधीशों ने नहीं मानी।

भारतीय ख्रीस्तीयों के ग्लोबल काउंसिल (जीसीआईसी) के अध्यक्ष साजन के. जोर्ज ने एशिया न्यूज को कहा कि उन्हें पेंटेकोस्टल आदिवासी ख्रीस्तीयों के लिए अफसोस है जिनमें दो नेत्रहीन भी शामिल हैं। वे हमारे धर्मनिरपेक्ष भारत में किए गए आरोपों के आधार पर उत्पीड़न, धमकी और गिरफ्तारी के शिकार हैं।

आरोपियों को जनवरी 2016 में गिरफ्तार किया गया था। जिनमें सात ख्रीस्तीय दैनिक मजदूर हैं। न्यायालय के मजिस्ट्रेट (भारत के दूसरे स्तर के आपराधिक अदालत) ने धार के जिले में, गांव के कुछ लोगों द्वारा दर्ज शिकायत को स्वीकार किया। लोगों ने पेंटेकोस्टल ख्रीस्तीयों पर धन का लालच देकर आदिवासियों को धर्मपरिवर्तन कराने की कोशिश का आरोप लगाया था।

शिकायत दर्ज करने वाले गोविंद ने पुलिस को बताया कि एक दिन उनके घर में पेंटेकोस्टल आये और कहने लगे कि पहले वे भी भिलाला में भील आदिवासी हिन्दू थे पर वे धर्मपरिवर्तन कर ख्रीस्तीय बन गये। अगर वे भी धर्मपरिवर्तन करें तो वे उनके लिए खाना, दवाई वगैरह देंगे और सरकार से भी खेत लेने के लिए मदद करेंगे।

साजन ने बताया कि मध्य प्रदेश की धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत धर्मपरिवर्तन चाहने वाले व्यक्ति को राज्य प्रशासन से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता है। मध्य प्रदेश राज्य बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी, राइट विंग हिंदू राष्ट्रवादियों) द्वारा शासित किया जाता है। पेन्टेकोस्टल ख्रीस्तीयों को निर्विवाद आरोपों के साथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आर्थिक लालच का इस्तेमाल किया गया था, जो गलत और निराधार है। यहाँ बहुसंख्यक समूहों का बोलबाला है और अल्पसंख्यक ख्रीस्तीयों पर आरोप लगाया गया है।

साजन ने कहा कि दैनिक मजदूरी करके जीविका चलाने वाले ख्रीस्तीयों द्वारा दूसरों को धन देकर ख्रीस्तीय बनाने की बात कहाँ तक न्यायसंगत हो सकती है। बलपूर्बक धर्मपरिवर्तन का आरोप लगाना ख्रीस्तीयों को उत्पीड़न करने का साधन बन गया है।








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