2018-01-30 16:08:00

हमारे समय में उदासीनता एक संक्रामक विषाणु के समान है


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 30 जनवरी 2018 (रेई): यूरोप में सेमाईट-विरोधी के खिलाफ संघर्ष में राज्यों, संस्थाओं और व्यक्तियों की सुरक्षा एवं सहयोग हेतु जिम्मेदारी पर रोम में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए संत पापा ने उत्तरदायित्व, उदासीनता एवं स्मृति इन तीन शब्दों पर प्रकाश डाला।

उत्तरदायित्व के संबंध में संत पापा ने कहा, "हम तभी जिम्मेदार हैं जब हम उत्तर देने में सक्षम हैं। यह केवल हिंसा के कारणों का पता लगाने एवं उनके प्रतिकूल तर्क का खंडन करने का सवाल नहीं है किन्तु उसका उत्तर देने के लिए सक्रिय रूप से तैयार रहना।

उन्होंने कहा कि शत्रु जिसके विरूद्ध हम लड़ते हैं वह न केवल घृणा है किन्तु उससे भी बढ़कर है उदासीनता क्योंकि उदासीनता ही है जो हमें सही चीज को करने से रोकता एवं हमें पंगु बनाता है यद्यपि हम जानते हैं कि वह सही है।  

संत पापा ने कहा कि मैं इस बात को दोहराने से नहीं थकता कि उदासीनता एक विषाणु है जो कि हमारे समय का एक खतरनाक संक्रामक है, ऐसे समय में जब हम दूसरों के साथ अधिक जुड़े हुए हैं किन्तु दूसरों के लिए कम सक्रिय।

स्मृति पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा कि हाल ही में हमने अंतरराष्ट्रीय आहुति दिवस मनाया, ताकि मानवता में सुधार लाया जा सके, सच्चाई के बारे हमारी मानव समझ को बेहतर करने तथा हमारे पड़ोसियों के प्रति उदासीनता को दूर करने के लिए, जिसके लिए हमें स्मृति की आवश्यकता है।

संत पापा ने कहा कि स्मृति एक कुँजी के समान है जिसके माध्यम से भविष्य को प्राप्त किया जा सकता है तथा उसे अपने बाद आने वाली पीढ़ी को प्रतिष्ठित ढंग से हस्तांतरित किया जा सकता है जो कि हमारा कर्तव्य है।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए संत पापा ने उत्तरदायित्व, स्मृति एवं सामीप्य की संस्कृति को प्रोत्साहन देने हेतु अच्छे प्रशिक्षण पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि हमें युवा पीढ़ी को शिक्षा देने की आवश्यकता है ताकि वे घृणा एवं भेदभाव के विरूद्ध संघर्ष में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। साथ ही साथ, विगत दिनों के तनावपूर्ण स्थिति से बाहर आ सकें।








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