2018-01-27 15:26:00

संत पापा : सीडीएफ का मिशन "प्रेरिताई संबंधी प्रमुख" है


वाटिकन सिटी, शनिवार 27 जनवरी 2018 ( वीआर, रेई) :संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 26 जनवरी को वाटिकन में विश्वास के सिद्धांत हेतु गठित परमधर्मपीठ की वार्षिक सभा के प्रतिभागियों से मुलाकात की।

संत पापा ने उन्हें "आस्था और संस्कारों की पवित्रता की रक्षा में" तथा "वर्तमान" में प्रेरितिक कार्यों से संबंधित प्रश्नों के संबंध में" धर्माध्यक्षों की शिक्षा को समर्थन देने हेतु उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने विशेष रूप से, अधिक गंभीर अपराधों, जैसे याजकों द्वारा यौन शोषण या संस्कारों के दुरुप्योग से संबंधित मामलों की जांच करने और"विश्वास के पक्ष में" विवाह के विघटन के सवालों के समाधान हेतु उनके कामों की प्रशंसा की।

संत पापा ने उन्हें अपने दो साल के वार्षिक सत्र के दौरान जिन मुद्दों पर काम किया उसके लिए भी अपनी प्रशंसा व्यक्त की, जिनमें शामिल हैं: "नव-कृपानिर्पेक्षतावाद " और "नव-ज्ञानवाद" के आधुनिक झुकाव के संदर्भ में ख्रीस्तीय मुक्ति का अध्ययन; अर्थशास्त्र और वित्त के क्षेत्र में समुचित मानव विज्ञान का महत्व; एवं "गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों से संबंधित नाजुक प्रश्न।"

संत पापा ने गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों से संबंधित नाजुक प्रश्न" के संबंध में उल्लेख किया कि कई देशों में, "जीवन पर वैचारिक प्रतिज्ञान मनुष्य की इच्छा शक्ति के रूप में" इच्छामृत्यु के लिए अनुरोध बढ़ती जा रही है, जहां  "जीवन अपनी गरिमा के लिए मूल्यवान नहीं है, बल्कि इसकी दक्षता और उत्पादकता को ध्यान दिया जाता है।"  इसके उत्तर में संत पापा ने कहा," "यह पुनरावृत्ति करना आवश्यक है कि मानव जीवन, गर्भाधान से लेकर उसके प्राकृतिक अंत तक, एक गरिमा को प्राप्त करता है जो इसे अस्पृस्य बनाता है।"  

संत पापा ने कहा,"आज व्यक्ति के लिए, अक्सर "आशा की नज़र" के साथ, दर्द और पीड़ा, जीवन और मृत्यु की वास्तविकताओं पर चिंतन करना मुश्किल हो जाता है। इस संदर्भ में धर्मसंघ उन्हें "एक भरोसेमंद आशा" प्रदान कर सकती है जो उन्हें "अच्छी तरह से जीने  और भविष्य के प्रति आत्मविश्वास पर भरोसा रखने के लिए प्रेरित करे।"








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