2018-01-22 15:52:00

लीमा में देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा ने युवाओं से कहा


लीमा, रविवार, 22 जनवरी 18 (रेई): चिली एवं पेरू में अपनी प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन 21 जनवरी को संत पापा फ्राँसिस ने लीमा के अरमास प्राँगण में देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने युवाओं को सम्बोधित कर उन्हें येसु का अनुसरण करने की प्रेरणा दी।

संत पापा ने कहा, "प्रिय युवाओ, मैं आप लोगों के साथ यहाँ खुश हूँ। ये मुलाकात मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर, इस साल जब हम युवाओं पर सिनॉड की तैयारी कर रहे हैं। आपके चेहरे, आपके सवाल एवं आपका जीवन कलीसिया के लिए अहम है और हमें उन्हें महत्व देने की आवश्यकता है। हमें भी उस साहस की जरूरत है जो यहाँ के उन कई युवाओं में था जो येसु से प्रेम करने एवं सब कुछ पर जोखिम उठाने से नहीं डरे।"  

संत पापा ने युवाओं के सामने संत मार्टिन दी पोर्रेस का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, "उस युवा को स्वप्न देखने से कुछ भी नहीं रोक सका, दूसरों के लिए अपना जीवन अर्पित करने एवं प्रेम करने में कुछ भी बाधा नहीं डाल सका क्योंकि उन्होंने यह एहसास कर लिया था कि प्रभु ने उन्हें पहले ही प्रेम किया है।" यद्यपि उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वे एक चीज करना जानते थे, प्रभु पर आस्था रखना, जो उन्हें प्यार करते हैं क्योंकि प्रभु ने पहले उस पर भरोसा रखा जैसा कि वे हम सभी पर भरोसा रखते हैं और भरोसा रखने से कभी नहीं थकते।

संत पापा ने कहा कि यह हमें अत्यन्त कठिन प्रतीत हो सकता है और ऐसे समय में हम नकारात्मक बातें सोच सकते हैं, हम भिन्न परिस्थितियों से घबराया हुआ महसूस कर सकते हैं और यह ऐसा लग सकता है कि हम दरकिनार कर दिये गये हैं। कई ऐसे भी अवसर हैं जब हम अपनी इच्छाओं एवं योजनाओं को प्राप्त करने में शक्तिहीन महसूस करते हैं। प्रिय युवाओं, ऐसे समय में जब हमारा विश्वास फीका होने लगे, स्मरण रहे कि येसु आपके बगल में हैं। आशा न खोयें, याद रखे कि संत गण स्वर्ग से हमारी मदद करते हैं, आप उनके पास जायें तथा अपनी प्रार्थनाओं को चढ़ाने से कभी न थकें। न केवल भूतकाल के संत किन्तु वर्तमान में भी इस भूमि पर कई संत हैं क्योंकि यह संतों की भूमि है। संत पापा ने युवाओं को बुजूर्गों से भी परामर्श लेने की सलाह दी।

संत पापा ने लीमा की संत रोस की तरह येसु पर भरोसा रखने की सलाह देते हुए संत पापा ने कहा, "येसु आपको बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि आप अपनी योजनाओं को प्राप्त कर सकें तथा उनके मार्गदर्शन का अनुसरण करने के लिए उत्साही बनें। वे आपको धन्यों के रास्ते पर ले चलेंगे जो कि एक आसान रास्ता नहीं है किन्तु उत्तेजित करने वाला है। यह एक ऐसा रास्ता है जिस पर अकेले यात्रा नहीं किया जा सकता वरन् दल के साथ जिसका हर सदस्य अपना उत्तम अर्पित करना चाहता है। येसु उसी तरह आपको देखते हैं जिस तरह उन्होंने वर्षों पहले लीमा की संत रोस, संत तुरिबियुस, संत जोन मकियस, संत फ्राँसिस सोलानो और कई अन्य संतों को देखा था। आज वे हमसे पूछ रहे हैं कि क्या आज तुम उनके समान मेरा अनुसरण करने के लिए तैयार हो? उनकी आत्मा द्वारा संचालित होने तथा न्याय एवं प्रेम के राज्य को लाने के लिए। प्रिय मित्रो, येसु आपको आशा के साथ निहार रहे हैं। वे हम पर कभी आशा नहीं खोते बल्कि हम निरुत्साहित हो जाते हैं।

संत पापा ने आधुनिक तकनीकी एवं उनके प्रयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि फोटो एवं विडियो आकर्षक होते हैं किन्तु वे हमारे मित्र नहीं बन सकते। मैं आपको यह निश्चित बता देना चाहता हूँ कि हृदय का फॉटोशोप नहीं किया जा सकता है क्योंकि उसमें केवल सच्चा प्रेम एवं वास्तविक खुशी ही पायी जा सकती है। येसु हमें कृत्रिम हृदय प्रदान नहीं करते। वे हमें उसी तरह प्रेम करते हैं जैसे हम हैं और उनके पास सभी के लिए योजनाएँ हैं। यह न भूलें कि वे हम से कभी निरुत्साहित नहीं होते बल्कि निमंत्रण देते हैं कि हम पवित्र बाईबिल में देखें तथा याद करें कि किस तरह का मित्रों को ईश्वर अपने लिए चुनते हैं। मूसा ठीक से बोल नहीं पाता था, अब्राहम एक बूढ़ा व्यक्ति था, येरेमियाह बहुत छोटा था, जकेयुस नाटा था, शिष्ये सो गये थे जब येसु ने उन्हें प्रार्थना करने को कहा था, पौलुस ख्रीस्तीयों का अत्याचारी था और पेत्रुस ने उन्हें इंकार किया था इसी तरह हम कई लोगों की सूची बना सकते हैं। आज हमारे लिए कौन सा बहाना है? जब येसु हमारी ओर देखते हैं वे नहीं सोचते कि हम कितने योग्य हैं किन्तु वे देखते हैं कि हमारे हृदय में दूसरों की सेवा करने हेतु कितना प्रेम है। उनके लिए यही महत्वपूर्ण चीज है। वे हमारी शारीरिक अपूर्णताओं एवं कमज़ोरियों पर ध्यान नहीं देते हैं।

संत पापा ने युवाओं से कहा कि उनके पास आपके लिए एक ही सवाल है, क्या तुम मेरा अनुसरण करना और मेरा शिष्य बनना चाहते हो? अपने हृदय को बदलने में व्यर्थ समय जाने न दें बल्कि अपने जीवन को आत्मा से भरें। येसु अपनी आत्मा से हमें भरने के लिए लगातार इंतजार कर रहे हैं जो वह प्रेम है जिसको पिता ईश्वर हमारे हृदयों में उंडेलना चाहते हैं, हमें मिशनरी शिष्य बनाने के लिए। येसु का अनुसरण करते हुए हम कभी भी बंद होकर नहीं रहें। यदि हम गलतियाँ भी करेंगे तो वे हमें आगे बढ़ने का नया अवसर प्रदान करेंगे।

संत पापा ने युवाओं को अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया तथा उन्हें धन्य कुँवारी मरियम को समर्पित किया। उन्होंने कहा, "प्रार्थना करना न छोड़ें, उनके ममतामय संरक्षण पर भरोसा रखें।" 








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