2018-01-21 15:40:00

ईश्वर एक माता की तरह हमारे आँसू पोंछ लेते हैं, त्रुहिल्लो में संत पापा


त्रुहिल्लो, रविवार, 21 जनवरी 2018 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने 20 जनवरी को पेरू के त्रुहिल्लो स्थित हांगकाओ समुद्री तट पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

संत पापा ने प्रवचन में कहा, "इस भूमि में सुसमाचार की खुशबू है। इस विशाल समुद्र के तट पर हमारे आस-पास का सब कुछ, हमें येसु के साथ उनके शिष्यों के अनुभव को बेहतर समझने में मदद दे रहा है। आज, हम भी उसे पुनः अनुभव करने के लिए निमंत्रित हैं। मैं खुश हूँ कि आप उत्तरी पेरू के विभिन्न हिस्सों से सुसमाचार के आनन्द को मनाने आये हैं।"

उन्होंने कहा कि उन्हीं शिष्यों के समान आप में से कई लोगों ने आज मछली पकड़ने को अपनी जीविका का साधन बनाया है। वे नाव से बाहर जाते थे जैसा कि आप अपनी छोटी नाव से (काबालितोस दी तोतोरा) जाते हैं। आप भी उन्हीं के समान यह काम अपने दैनिक आहार प्राप्त करने के लिए करते हैं। आपके दैनिक परिश्रम में अधिकतर लोगों का मकसद अपने परिवार को सम्भालना एवं अपने लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करने का प्रयास है। 

‘सोने की मच्छली वाला तट’ कई पीढ़ीयों के लिए जीवन एवं आशीर्वाद का स्रोत रहा है। इसने वर्षों से आशा एवं आकांक्षाओं को पोषित किया है।

संत पापा ने कहा कि येसु के शिष्यों के समान ही जिन्होंने समुद्री तूफान का सामना किया था आपको भी ‘नीनो कोस्तेरो’ जैसी प्राकृतिक शक्तियों का सामना करना पड़ रहा है जिसका प्रभाव आज कई परिवारों में देखा जा सकता है। कई लोग जिनका घर ढह गया था वे उसके पुनःनिर्माण में असमर्थ हैं। यह भी एक कारण है जिसके लिए मैं यहाँ आकर आप लोगों के साथ प्रार्थना करना चाहता था।  

संत पापा ने पवित्र यूखरिस्त में दूसरे विषय पर प्रार्थना हेतु निमंत्रण देते हुए कहा कि हम उन कठिन अवसरों के लिए प्रार्थना करेंगे जो हमारे विश्वास पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा, "हम येसु के साथ संयुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने सबसे बड़े दुःख को सहा ताकि हमारी कठिनाईयों में हमारा साथ दे सकें। क्रूसित येसु हमारी हर दुखद परिस्थिति में हमारी सहायता देने तथा हमें ऊपर उठाने के लिए, हमारा साथ होना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने हमारे इतिहास में प्रवेश किया है। वे हमारी यात्रा में सहभागी होना और हमारे घावों का स्पर्श करना चाहते हैं। हम जो अनुभव करते और दुःख उठाते हैं उनसे हमारे ईश्वर अनभिज्ञ नहीं हैं इसके विपरीत दुखों के बीच वे अपना हाथ बढ़ाते हैं।

संत पापा ने चुनौतियों का सामना करने हेतु एकजुट होने की प्रेरणा देते हुए कहा, कि ऐसे समय में जब हम सवालों एवं चुनौतियों के घेरे में रहते हैं वे हमें एहसास दिलाते हैं कि एक साथ खड़ा होना तथा उस एकता में बने रहना जो पवित्र आत्मा का फल है कितना महत्वपूर्ण है।

संत पापा ने सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए कहा कि उन दस कुँवारियों का क्या हुआ जब उन्होंने रात में अचानक दुल्हे के आने की आवाज सुनी। कुछ कुवाँरियाँ दुल्हे की आगवानी करने के लिए तुरन्त तैयार हो गयीं जबकि कुछ कुवाँरियों ने महसूस किया कि उनके पास अपने रास्ते के अंधकार को दूर करने के लिए काफी तेल नहीं रह गया था। निर्धारित समय में उन सभी को यह दिखलाना पड़ा कि उन्होंने अपने जीवन को किस चीज से भरा था।

हमारे साथ भी यही होता है। ऐसे समय आते हैं जब हमें पता चलता है कि हमने अपने जीवन को किस चीज से भरा है। हमारे जीवन को उस तेल से भरा जाना कितना महत्वपूर्ण है जो हमें अंधकार की परिस्थिति में दीया जलाने और आगे बढ़ने हेतु रास्ता खोजने में मदद देता है।  

मैं जानता हूँ कि उस अंधकार के समय में, जब आपने नीनो के प्रहार का सामना किया, आपको उस तेल की जरूरत थी जिसके द्वारा आप सच्चे भाई-बहनों की तरह एक-दूसरे की मदद हेतु आगे आ सकें। आपके पास एकात्मता एवं उदारता का तेल था जिसने आपको संचालित किया और आप उन्हें मदद करने के ठोस चिन्हों द्वारा प्रभु से मिलने आगे बढ़े। उस अंधकार के समय में आपने कई अन्यों से साथ एक जीवित दीये की तरह उदार हाथों से उनके रास्तों को उंजियाला प्रदान किया, उनके दुखों में राहत दी और अपनी गरीबी में से ही उन्हें भी बांटा।

संत पापा ने कहा कि सुसमाचार के इस पाठ में कुँवारियाँ जिनके पास तेल नहीं थे वे खरीदने शहर गयीं। अपने जीवन के संकटमय दौर में उन्होंने एहसास किया कि उनका दीया खाली था और उनके पास उन चीजों का अभाव था जिनके द्वारा वे जीवन के सच्चे आनन्द के पथ को प्राप्त कर सकें। वे विवाह उत्सव से वंचित हो गयीं। संत पापा ने कहा कि एक समुदाय की भावना उस चीज से नापी जाती है जिसमें वे एक साथ आकर कठिन एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हैं ताकि आशा को बनाये रख सकें। ऐसा करने के द्वारा वे सुसमाचार का महान साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं क्योंकि विश्वास उस प्रेम को खोल देती है जो ठोस, उदार एवं सहानुभूतिपूर्ण है। प्रेम जो आशा को उत्पन्न करता एवं जब यह बुझने लगे तो पुनः उत्पन्न कर सकता है इस तरह हम स्वयं ईश्वर के कार्य में सहभागी होते हैं जिसको प्रेरित संत योहन बतलाते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों के आँसू पोंछे। ईश्वर अपने दिव्य कार्य को उसी कोमलता के साथ आगे बढ़ाते हैं जिस तरह एक माता अपने बच्चों के आँसू पोंछती है। यह कितना सुन्दर सवाल है जिसको ईश्वर हमसे पूछेंगे, तुमने कितने आँसू पोंछे? संत पापा ने कहा कि ये तूफान भी हमें अपने आप से प्रश्न पूछने तथा हमें अपनी भावना की शक्ति को परखने हेतु प्रेरित करते हैं।

संत पापा ने सुनियोजित हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि सुनियोजित हत्या तथा उनके द्वारा जो असुरक्षा का भय उत्पन्न होता है, वह शिक्षा और रोजगार की कमी का परिणाम है, खासकर, युवाओं के बीच जो उन्हें सम्मान के साथ भविष्य के निर्माण से वंचित कर देता है अथवा कई परिवारों को असुरक्षित एवं अस्थायी घरों में रहने के लिए मजबूर करता है या उन्हें कई अन्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जैसे भुकम्प आदि जो आपसी संबंधों एवं आशाओं को तोड़ देते। एक ऐसा भुकम्प जो हमारी आत्मा को हिला देता है यदि हम उनका सामना करना चाहें तो हमें तेल की आवश्यकता है।    

हम बहुधा सोचते रहते हैं कि उन समस्याओं का सामना किस तरह करें, हमारे बच्चों को इन परिस्थितियों से बाहर आने में किस तरह से मदद दिया जाए। संत पापा ने कहा कि सुसमाचार से बढ़कर कोई दूसरा रास्ता नहीं है, जो स्वयं येसु ख्रीस्त हैं। हम अपने जीवन को सुसमाचार से भरें। मैं आपको एक ऐसा समुदाय बनने का प्रोत्साहन देता हूँ जो आत्मा के तेल से प्रभु द्वारा अभियंजित हो। वे हमें बदल देंगे, नवीकृत करेंगे एवं सब कुछ में बल प्रदान करेंगे। येसु में हमारे पास आत्मा का सामर्थ्य है। येसु में, हमारे पास उस आत्मा का सामर्थ्य है जो हमें एकजुट रखता ताकि हम एक-दूसरे की मदद कर सकें, एक-दूसरे के लिए हमारे परिवार की बुराईयों के विरूद्ध खड़े हो सकें। ईश्वर ने हमें येसु में एक विश्वासी समुदाय बनाया हैं जो अपने आपको बनाये रख सकता है एक समुदाय जो आशामय है अतः हर प्रकार की विपत्ति को प्रेम में बदल सकता है। येसु के साथ त्रुहिल्लो शहर की यह भूमि अनन्त बसंत का शहर पुकारा जाता रहे क्योंकि उनके साथ हर चीज एक आशा है।

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान किया ताकि वह उनकी हर परिस्थिति को अपने पुत्र के पास लाये। माता मरियम हमें शांति एवं प्रेम प्रदान करे।








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