2017-12-22 10:54:00

क्रिसमस से पूर्व कार्डिनल ग्रेशियस ने की अन्तरधार्मिक प्रार्थना सभा की अध्यक्षता


मुम्बई, शुक्रवार, 22 दिसम्बर 2017 (ऊका समाचार): मुम्बई महाधर्मप्रान्त के धर्माधिपति कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस ने क्रिसमस से पूर्व अन्तरधार्मिक प्रार्थना सभा की अध्यक्षता कर विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच परस्पर सहयोग एवं मैत्री का आह्वान किया। ‎

रविवार, 17 दिसम्बर को मुम्बई में आयोजित अन्तरधार्मिक प्रार्थना समारोह में ख्रीस्तीयों सहित हिन्दू, इस्लाम, सिक्ख, पारसी, बौद्ध एवं जैन धर्मों के नेताओं ने भाग लिया।

समारोह में मुम्बई महाधर्मप्रान्त के प्रवक्ता फादर निगेल बैरट ने अन्तरधार्मिक सभाओं एवं प्रार्थना समारोहों के औचित्य पर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा, "हमारे इस युग में, मतभेद बढ़ते जा रहे हैं, व्यक्तियों के बीच, धार्मिक विचारधाराओं के बीच तथा राष्ट्रों के बीच संघर्ष चल रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "हम सब शांति की आशा करते हैं किन्तु संघर्षों के चलते इस लक्ष्य के प्राप्ति दिन ब दिन दूर होती चली जा रही है, इसीलिये यह अनिवार्य है कि विभिन्न धर्मों के बीच समझदारी एवं सहयोग को प्रोत्साहन दिया जाये।"

हिंसा एवं आतंकवाद को समाप्त करने के सन्त पापा फ्राँसिस के आह्वान के बाद मुम्बई की उक्त प्रार्थना सभा और अधिक महत्वपूर्ण हो उठी।  

विगत माह 03 नवम्बर को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस ने एक अन्तरधार्मिक बैठक के दौरान दुःख व्यक्त करते हुए कहा था, "दुर्भाग्यवश, एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरता है जिसमें हम हिंसा, संघर्ष, अपहरण, आतंकवादी हमलों, हत्याओं और विनाश के कृत्यों के बारे में नहीं सुनते हैं। यह भयावह है कि कभी-कभी इस तरह की बर्बरता को सही ठहराने के लिए किसी धर्म अथवा ईश्वर के नाम का भी दुरुपयोग भी किया जाता है।" 

मुम्बई के प्रार्थना समारोह में कार्डिनल ग्रेशियस ने सब के प्रति सम्मान का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक में यह प्रज्ञा उत्पन्न होनी चाहिये कि विभिन्न धर्मों के अनुयायी होते हुए भी हम सब भाई बहन हैं। उन्होंने धार्मिक नेताओं से अपील की कि वे सभी धर्मों की परम्पराओं एवं संस्कृति के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने हेतु प्रयासरत करते रहें तथा शांति एवं मैत्री को पनपने दें। 








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