2017-12-16 15:36:00

भारतीय हिन्दू कट्टरवादियों ने आठ पुरोहितों को पीटा और वाहन जला डाली


भोपाल, शनिवार 16 दिसम्बर 2017 (उकान) :  भारतीय हिन्दू कट्टरवादियों ने मध्य प्रदेश के एक पुलिस स्टेशन के बाहर आठ पुरोहितों को पीटा और उनकी वाहन जला डाली। 14 दिसंबर को गैर-ईसाईयों के धर्मपरिवर्तन करने की कोशिश करने के झूठे आरोप में हमलावरों ने 30 सेमिनरियों और आठ पुरोहितों को गिरफ्तार करने में पुलिस की सहायता करने का प्रयास में यह कृत्य किया।

यह परेशानी उस समय शुरु हुई जब मध्य प्रदेश के सतना शहर में संत एफ्रेम के थियोलॉजिकल कॉलेज के दल ने एक स्थानीय गांव में क्रिसमस के कैरोल गाने के लिए गये थे। फादर जोर्ज मंगलापल्ली ने बताया कि जब वे गाना गा रहे थे तो एक भीड़ ने गुस्से में धर्मांतरण गतिविधियों वाले नारे लगाना शुरू कर दिया। फादर ने कहा, ″उनमें से एक ने पुलिस को बुलाया और और हमारे खिलाफ कार्रवाई की मांग की। "

एक पुलिस अधिकारी ने, नाम न छापने की शर्त पर, कहा कि कैरोल दल को 'सुरक्षात्मक हिरासत' में रखा गया था। उन्हें डर था कि तुरंत रिहाई करने से वे उनपर हमला कर सकते थे।

कैरोल गायक दल की मदद करने पुलिस स्टेशन गये फादर अनिश एम्मानुएल ने कहा कि करीब 100 हिन्दुओं ने पुलिस कैम्पस में उनपर हमला किया। उन्होंने पुलिस के सामने हमें पीटा पर पुलिस देखती रही और हमारे बचाव में कुछ भी नहीं किया। हमें पुलिस स्टेशन के भीतर खदेड़ते हुए हमारी गाड़ी को जला दिया।

श्रेत्रीय धर्माध्यक्षीय समिति के प्रवक्ता फादर मरिया स्टीफन ने कहा इस तरह के हमले ने धार्मिक स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल उठा दिया है।

राज्य के धर्मांतरण कानून का उल्लंघन करने के झूठे आरोप लगाकर कई काथलिकों को हिरासत में लिया गया है। सतना धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष जोसेफ कोडाक्कालिल ने ऊकान्यूज को बताया कि एक गांववाले ने झूठा दावा किया था कि उन्हें ख्रीस्तीय धर्म में आने के लिए 5,000 रुपये (यूएस $ 65) का प्रलोभन दिया गया था। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों से उनके मिशनरियों को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है।

हिंसा के शिकार ख्रीस्तीयों के राहत के लिए बने ख्रीस्तीय एकता वर्धक मंच के संस्थापक शिबू थॉमस ने कहा कि इस क्रिसमस के मौसम में भारत के ख्रीस्तीयों के कैरोल दलों पर 48 हमले हुए हैं। वर्ष 2017 में हिन्दू बहुल देश में 650 से भी ज्यादा बार अल्पसंख्यक ख्रीस्तीयों पर हमले होने रिपोर्ट दर्ज किये गये हैं।

एक प्रेस विज्ञप्ति में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेन्हास ने कहा कि वे मध्य प्रदेश के सतना में पुरोहितों और सेमिनरियों पर 14 दिसम्बर को हुए अकारण हिंसा से अत्यंत दुखी और सदमे में हैं। मध्य प्रदेश के सतना शहर में संत एफ्रेम के थियोलॉजिकल कॉलेज के दल करीब 30 सालों से स्थानीय गांव में क्रिसमस के कैरोल गाने के लिए जाते रहे हैं दुर्भाग्य से, मध्य प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में काथलिक कलीसिया के उत्पीड़न के अन्य लक्षण सामने आए हैं, जिसके बारे में हमने  कोई राग विलाप नहीं किया था।

इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि आठ पुरोहित जो बाद में हिरासत में लिये गये पुरोहितों और सेमिनारियों के बारे में पूछताछ करने गए, उन्हें भी हिरासत में लिया गया। शर्म की बात है कि पुलिस स्टेशन के बाहर की स्थिति इतनी प्रतिकूल थी कि उन पुरोहितों और सेमिनरियों तक पहुँच पाना कठिन था जो हिरासत में थे। धर्मांतरण के जुर्म में जिन पुरोहितों और सेमिनरियों को हिरासत में लिया जाता है वह तुच्छ और हास्यजनक है। जो समूह "राष्ट्रवादिता" का दावा करते हैं और "राष्ट्रवाद" और "धर्म" की रक्षा करने का दायित्व अपने उपर लिया है, उनके द्वारा हिंसा का कृत्य अपमानजनक है। पुलिस की सहभागिता से पुरोहितों और सेमिनारियों को गिरफ्तार कर लिया गया और जब पुरोहितों और सेमिनारियों पर हमला किया गया तो पुलिस असहाय किनारे खड़ी देख रही थी यह बहुत ही घृणित और भयावह है। एक लोकतंत्र और एक सभ्य समाज में पुलिस बल का दुरुपयोग और कानून-व्यवस्था को तोड़ना असह्य है।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने लोगों के घिनौने व्यवहार की निंदा की, जिन्होंने पुरोहित के वाहन को भी जला दिया। हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि हमारे बहुत से विस्तृत सोच रखनेवाले और शांतिप्रिय हिंदू भाई इसे स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि 12 दिसम्बर को दिल्ली में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा आयोजित ख्रीस्त जयंती समारोह के दौरान भारत के उप राष्ट्रपति श्री वी नायडू ने देश के विकास में ख्रीस्तीयों के योगदान की सराहना की थी।

हम केंद्र सरकार और राज्यों के हमारे राजनीतिक नेताओं से कानून और व्यवस्था के शासन को वापस लाने और उन बदनाम लोगों के साथ गंभीर रूप से निपटने के लिए अपील करते हैं जो नेताओं के काम में बाधा डालते हैं जो हमारे लोगों में शांति और विकास लाने के लिए काम करना चाहते हैं।

हमारे देश के नेताओं को शब्द और वादे से परे जाकर यह सुनिश्चित करना है कि हर भारतीय नागरिक भय रहित और सम्मान का जीवन जी सके। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता से पहले हमें चेतावनी दी थी "हिंसा के माध्यम से हिंसक आजादी मिलेगी जो दुनिया और खुद भारत के लिए एक खतरा होगा।" हमारे पास एक शांतिपूर्ण, सहिष्णु और समृद्ध भारत बनाने की शक्ति है। आइए हम यह करने के लिए इच्छा दिखाएं।








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