2017-12-13 15:41:00

भारतीय उपराष्ट्रपति ने राष्ट्र के निर्माण में ख्रीस्तीयों की प्रशंसा की


नई दिल्ली, बुधवार 13 दिसम्बर 2017 (एशिया न्यूज) : भारतीय उपराष्ट्रपति ने "देश के निर्माण के प्रयासों और समाज के सदस्यों को दी जाने वाली परोपकारी सेवा के लिए" काथलिक कलीसिया की प्रशंसा की।

मंगलवार 12 दिसम्बर को दिल्ली महाधर्मप्रांतीय समुदाय केंद्र में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा आयोजित ख्रीस्त जयंती समारोह में उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू को मुख्य अतिथि का सम्मान दिया गया। उपराष्ट्रपति जी ने अपने संदेश में कहा कि "येसु मसीह परमेश्वर के पुत्र हैं। वे सभी राष्ट्रों, जातियों,  और विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के लिए शुभ संदेश लाते है। उनका संदेश शांति का संदेश है। अगर तनाव है, तो हम शांति की किसी भी गतिविधि की ओर ध्यान नहीं दे सकते"।

नायडू ने जोर देकर कहा कि "जाति, पंथ या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना, दुनिया के हर हिस्से में लोगों को क्रिसमस का आनंद लेते हुए बहुत खुशी मिलती है"। फिर उन्होंने भारत के विकास के लिए "विशेष रूप से लोगों की भलाई के लिए″ काथलिकों की अहमियत की पुष्टि की और  कहा कि वे देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों का प्रबंधन करते हैं, जो शिक्षा की जरूरत के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं और प्रशिक्षण दे रहे है।

उपराष्ट्रपति के अनुसार, "सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा" सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। यह करुणा, नैतिकता और आचार सहिंता के मूल्यों को प्रदान करने में मदद करता है।" इस कारण से, उन्होंने कहा, "मैं आप ख्रीस्तीयों को समाज के गरीब और अव्यवस्थित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ अपनी सेवा जारी रखने के लिए आमंत्रित करता हूँ"।

उपराष्ट्रपति ने याद किया कि काथलिक कलीसिया ने सबसे दूर दराज क्षेत्रों में गरीबों तक पहुंचने के लिए, पूरे भारत में हजारों डिस्पेंसरी और अस्पतालों को खोला है।

सीबीसी प्रेस कार्यालय के फादर रेनॉल्ड पास्कल ने बताया कि कि "देश में 25 हजार स्कूलों और विश्वविद्यालयों का प्रबंधन काथलिक करते हैं और सबसे दुर्गम क्षेत्रों में भी अस्पतालों में बीमारों के लिए 85 हजार बेड की गारंटी देता है।

 उपराष्ट्रपति ने केरल और तमिलनाडु में चक्रवात ओखी द्वारा विस्थापित हजारों मछुआरों को "राहत और सहायता" लाने के लिए सरकार की आवश्यकता को दोहराया। नायडू ने कहा, "क्रिसमस  परिवारों में प्यार और खुशी को साझा करने का त्योहार है। और सभी के सामाजिक और आर्थिक समावेश के लिए काम करने तथा, स्थायी शांति को बढ़ावा देने के लिए सेवा को नवीनीकृत करने का समय है"।

समारोह के अंत में सीबीसीआइ के अध्यक्ष कार्डिनल बसिलिओस क्लीमिस ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को भारत की छवि में बने बालक येसु की चरनी उपहार में दी।








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