2017-12-06 15:26:00

येरुसालेम में ज्ञान और विवेक के लिए संत पापा की अपील


वाटिकन सिटी, बुधवार, 6 दिसम्बर 2017 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने येरुसालेम शहर की स्थिति को देखते हुए इसके संबंध में संयुक्त राष्ट्र के संकल्प के सम्मान हेतु अपील की है।

संत पापा ने वाटिकन के संत पौल छठे सभागार में बुधवारीय आमदर्शन के उपरांत वहाँ उपस्थित तीर्थयात्रियों और विश्वसियों से कहा,″जब मैं येरुसलेम के बारे सोचता हूँ तो पिछली दिनों में बनाई गई स्थिति के लिए अपनी गहरी चिंता को प्रकट किये बिना चुपचाप रह नहीं सकता।″   

साथ ही मैं प्रत्येक से येरुसालेम शहर की स्थिति को देखते हुए इसके संबंध में संयुक्त राष्ट्र के संकल्प के सम्मान हेतु हार्दिक अपील करता हूँ।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने यरूशलेम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए एक संभावित घोषणा के पहले संत पापा ने अपील की। अरब नेताओं ने चेतावनी दी है कि इस कदम से उथलपुथल पैदा हो जाएगा और हिंसा भी भड़क सकती है।

 संत पापा ने येरूसलेम को एक अनोखा शहर बताते हुए,कहा कि यह"यहूदी, ख्रीस्तीयों और मुसलमानों के लिए पवित्र स्थल है, जो अपने-अपने धर्मों की पवित्र स्थलों का सम्मान करते हैं यह शांति के लिए एक विशेष स्थान है।

  संत पापा ने कहा, ″मैं प्रार्थना करता हूँ कि पवित्र भूमि, मध्य पूर्व और पूरी दुनिया के लाभ के लिए इसकी पहचान संरक्षित और मजबूत हो तथा तनाव के नए तत्वों को रोकने के लिए बुद्धि और विवेक प्रबल हो सके। इसे एक वैश्विक संदर्भ में जोड़ा जा रहा है जो पहले से ही इतने क्रूर संघर्षों से घिरा हुआ है।"

विदित हो कि इसराइलियों और फिलिस्तीनियों के पवित्र शहर येरूसलेम को लेकर विवाद बहुत पुराना और ग़हरा है.

यहां की स्थिति में बहुत मामूली बदलाव भी कई बार हिंसक तनाव और बड़े विवाद का रूप ले चुका है। यही वजह है कि येरूसलेम में होने वाली हर घटना महत्वपूर्ण होती है।

इस प्राचीन शहर में यहूदी, ख्रीस्तीय और मुस्लिम धर्म के सबसे पवित्र स्थल हैं. ये शहर सिर्फ़ धार्मिक रूप से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम है।








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