2017-11-30 15:19:00

ढाका में सरकारी अधिकारियों एवं राजनयिकों को संत पापा का संबोधन


ढाका, बृहस्पतिवार, 30 नवम्बर 2017 (रेई): म्यानमार में प्रेरितिक यात्रा समाप्त करने के उपरांत संत पापा फ्राँसिस 30 नवम्बर को, बंगलादेश रवाना हुए जहाँ उन्होंने राष्ट्रपति भवन में बंगलादेश के राष्ट्रपति, सरकारी अधिकारियों, राजनयिकों एवं विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने कहा, ″बंगलादेश में ठहरने के आरम्भ में मैं राष्ट्रपति महोदय को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मुझे इस देश का दौरा करने का निमंत्रण दिया।" मैं यहाँ अपने दो पूर्व अधिकारियों; संत पापा पौल षष्ठम एवं संत पापा जॉन पौल द्वितीय के पदचिन्हों पर आया हूँ ताकि काथलिक भाई- बहनों के साथ प्रार्थना कर सकूँ तथा उन्हें स्नेह एवं प्रोत्साहन का संदेश दे सकूँ। बंगलादेश एक युवा राष्ट्र है फिर भी इसका विशेष स्थान संत पापाओं के हृदय में हमेशा रहा है जिन्होंने आरम्भ से ही यहाँ के लोगों के प्रति सौहार्द की भावना व्यक्त की है, उन्हें प्रारंभिक विपत्तियों से उबरने के लिए उनका साथ देने का प्रयास किया है तथा राष्ट्र के निर्माण एवं विकास हेतु उनके कर्तव्यों का समर्थन दिया है। इस सभा को सम्बोधित करने के अवसर के लिए मैं आभारी हूँ जो बांग्लादेशी समाज के भविष्य को आकार देने के लिए विशेष जिम्मेदारियों के साथ पुरुषों और महिलाओं को एक साथ लाया है।

संत पापा ने बंगलादेश की प्राकृतिक स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, "यहाँ के लिए उड़ान भरते समय मुझे स्मरण दिलाया गया कि बंगलादेश –"सुनहरा बंगाल" एक ऐसा देश है जो छोटी और बड़ी नदियों एवं जलमार्गों के एक विशाल नेटवर्क द्वारा जुड़ा है। इस प्राकृतिक सौंदर्य के बारे मैं सोचता हूँ कि यह यहाँ के लोगों की खास पहचान का प्रतीक है। बांग्लादेश एक ऐसा राष्ट्र है जो विभिन्न परंपराओं और समुदायों के लिए सम्मान के साथ, भाषा और संस्कृति की एकता में सम्मिलित होने का प्रयास करता है, ठीक उसी तरह जिस तरह कई झरने एक साथ मिलते एवं दूसरों को पोषित करते हुए आगे बढ़ते हैं। 

संत पापा ने कहा कि आज के विश्व में कोई एक समुदाय, राष्ट्र अथवा राज्य अकेला जीवित नहीं रह सकता और न ही अकेला विकास कर सकता है। एक मानव परिवार के सदस्य के रूप में हमें एक-दूसरे की आवश्यकता है तथा हम एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। बंगलादेश के संस्थापक और खासकर, प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजिबार रहमान ने इसे समझा और राष्ट्रीय संविधान में इस सिद्धांत को शामिल करने का प्रयास किया। उन्होंने एक आधुनिक, बहुलवादी और समावेशी समाज की कल्पना की जिसमें हर व्यक्ति और समुदाय, सभी मानव प्रतिष्ठा एवं समान अधिकार के साथ, स्वतंत्रता, शांति और सुरक्षा में जीवन यापन कर सके। इस युवा लोकतंत्र का भविष्य और उसके राजनीतिक जीवन का स्वास्थ्य मूलतः इसी मौलिक दृष्टिकोण से निष्ठा पूर्वक जुड़ा हुआ है क्योंकि केवल ईमानदारी पूर्वक वार्ता और वैध विविधता के प्रति सम्मान द्वारा ही लोग विभाजन में सामंजस्य लाने, एकतरफा दृष्टिकोण पर काबू पाने तथा विभिन्न नजरियों के मूल्य को पहचानने में समर्थ हो पायेंगे। सच्चा संवाद भविष्य को देखता है, सार्वजनिक भलाई की सेवा में एकता का निर्माण करता है तथा सभी नागरिकों की आवश्यकताओं का ख्याल रखता है, विशेषकर, गरीब, वंचित और आवाज विहीन लोगों का। 

संत पापा ने कहा कि हाल के महीनों में, उदारता एवं एकात्मता की भावना जो बंगलादेशी समाज को विशेष रूप से चिह्नित किया है वह है राखीन प्रांत से शरणार्थियों की भारी संख्या में प्रवेश पर उन्हें मानवीय सहायता पहुँचाना। जिसमें उन्होंने उन्हें अस्थायी आवास प्रदान करने तथा उनके जीवन की मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने का प्रयास किया है। यह कोई छोटा त्याग नहीं है। यह समस्त विश्व की नज़रों के सामने किया गया कार्य है। हममें से कोई भी इस परिस्थिति की गंभीरता से अनभिज्ञ नहीं रह सकता जिसमें भारी मानव पीड़ा तथा कई भाई-बहनों की अनिश्चित जीवन स्थिति शामिल है इसमें अधिकतर महिलाएँ एवं बच्चे हैं जो शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। यह अनिवार्य है कि इस गंभीर संकट का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय निर्णायक कदम उठाये, न केवल राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने के लिए, जिसने भारी संख्या में लोगों को विस्थापन के लिए मजबूर किया है, बल्कि बंगलादेश को अनिवार्य मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के प्रयास में भौतिक सहायता प्रदान करने के लिए। 

मेरी यात्रा यद्यपि मुख्य रूप से बंगलादेश के काथलिक समुदाय के लिए है, एक खास समय होगा जब में कल रोमना का दौरा करते हुए वहाँ ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता एवं अंतरधार्मिक नेताओं से मुलाकात करूँगा। हम एक साथ शांति के लिए प्रार्थना करेंगे तथा शांति हेतु कार्य करने के हमारे समर्पण को पुनः पुष्ट करेंगे। बांग्लादेश विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच पारंपरिक रूप से विद्यमान सद्भाव के लिए जाना जाता है। आपसी सम्मान का यह माहौल तथा अंतरधार्मिक वार्ता का बढ़ता वातावरण, विश्वासियों को जीवन के उद्देश्य एवं अर्थ के बारे स्वतंत्र रूप से अपनी गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त करने में सक्षम बनाता है। इस तरह वे आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे सकते हैं जो एक न्यायपूर्ण एवं शांतिमय समाज का निश्चित आधार है। विश्व में जहाँ धर्म का गलत प्रयोग बहुधा ठोकर के रूप में, विभाजन उत्पन्न करने के लिए किया जाता है वहाँ सामंजस्य और एकीकृत शक्ति का साक्ष्य देने की अधिक आवश्यकता है। यह खासकर आक्रोश की आम प्रतिक्रिया में स्पष्ट देखा गया, जब पिछले साल ढाका में आतंक वादी हमला किया गया था तथा देश के धर्म गुरूओं ने साफ संदेश दिया कि ईश्वर के परम पवित्र नाम का इस्तेमाल दूसरे मानव के विरूद्ध घृणा एवं हिंसा को न्यायोचित ठहराने के लिए नहीं किया जा सकता।

बंगलादेश के काथलिक यद्यपि संख्या में कम हैं फिर भी देश के विकास में निर्माणात्मक भूमिका अदा करने का प्रयास करते हैं, विशिष्टतः, अपने स्कूल, क्लिनिक एवं दवाख़ाना के माध्यम से। कलीसिया अपने विश्वास को जीने और अपने उदार कार्यों को पूरा करने हेतु प्राप्त स्वतंत्रता की सराहना करती है। जिसके द्वारा पूरे देश को लाभ हो रहा है खासकर, युवाओं को जो देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें गुणवत्ता शिक्षा और नैतिक एवं मानव मूल्य की कुशल प्रशिक्षण प्रदान करने के द्वारा मदद दी जा रही है। अपने स्कूलों में कलीसिया मुलाकात की संस्कृति को प्रोत्साहन देने का प्रयास करती है जो विद्यार्थियों को सामाजिक जीवन में अपना उत्तरदायित्व लेने हेतु सक्षम बनायेगा। निश्चय ही, इन स्कूलों में अधिकतर बच्चे एवं शिक्षक ख्रीस्तीय नहीं हैं बल्कि अन्य धर्मों के हैं। मैं आश्वस्त हूँ कि राष्ट्रीय संविधान की भावना एवं शब्दों के अनुसार काथलिक समुदाय, उन अच्छे कार्यों को स्वतंत्रता पूर्वक जारी रखने का आनन्द प्राप्त करेगा जो उनके सार्वजनिक हित के कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता में व्यक्त होता है।

मुझे विश्वास है कि, राष्ट्रीय संविधान के शब्द और आत्मा के अनुसार काथलिक समुदाय इन अच्छे कार्यों को आमतौर पर अच्छा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति के रूप में स्वतंत्रता का आनंद लेना जारी रखेगा।

संदेश के अंत में संत पापा ने अपनी प्रार्थना का आश्वासन देते हुए, न्याय एवं सेवा के आदर्श की कामना की तथा बंगलादेश के सभी लोगों पर सद्भाव और शांति की सर्वशक्तिमान के आशीर्वाद की याचना की।








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