2017-11-21 16:08:00

बांग्लादेश एवं म्यानमार में संत पापा की यात्रा, आशा का सेतु


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 21 नवम्बर 2017 (रेई): रोम स्थित परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय में कार्डिनल लुईस अंतोनियो ताग्ले द्वारा आयोजित सम्मेलन की विषयवस्तु है, "अल्पसंख्यक जो सुसमाचार का प्रचार करते हैं। संत पापा फ्रांसिस के धर्मादेश (मजिसतेरियूम) में कलीसिया की मिशनरी गतिशीलता"।

कार्डिनल ताग्ले ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि यह देखना हमेशा अनोखा है कि अल्पसंख्यक ख्रीस्तीय किस तरह दूसरों के बीच सुसमाचार का प्रचार करते हैं। उन्होंने कहा कि मानव प्राणी के रूप में हम अच्छाई बांटते हैं जबकि सुसमाचार उससे भी बढ़कर है। 

उन्होंने गौर किया कि सबसे आनंदमय एहसास है येसु के साथ मुलाकात जिसको हम गरीबों एवं निम्न लोगों में पाते हैं। यही कारण है कि संत पापा गरीब लोगों की मदद करने पर जोर देते हैं।

कार्डिनल ने विभिन्न संस्कृतियों को एक साथ मिलने का प्रोत्साहन देते हुए कहा कि विस्थापित लोग हमारे लिए भय के कारण नहीं हैं बल्कि उन्हें समझा जाना चाहिए।

संत पापा फ्राँसिस द्वारा स्थापित गरीबों को समर्पित प्रथम विश्व दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ″बहुधा हम ग़रीबों के बारे बातें करते हैं किन्तु उसे मात्र एक विचार के समान समझते हैं। ग़रीबों को समर्पित विश्व दिवस, गरीबी के अस्पष्ट विचार से ग़रीबों को निकालना तथा उन्हें मानव के समान स्वीकार करना है क्योंकि वे भी सच्चे मानव हैं। उन्होंने कहा कि जब हम उन लोगों के साथ मुलाकात करते हैं तो उन्हें वह सम्मान नहीं दे पाते जिसका उन्हें अधिकार है। उनकी मानव प्रतिष्ठा हमें यह समझने में मदद देता है कि वे भी समाज के सक्रिय लोग हैं। न केवल वे अपना जीवन जीते किन्तु विश्व के लिए वे भी अपना योगदान देते हैं। वे भी विश्व को  बेहतर बना सकते हैं यदि वे अपनी क्षमताओं को पहचानें तथा ईश्वर की उपस्थिति में जीयें।

एशिया में सुसमाचार प्रचार हेतु बांग्लादेश एवं म्यानमार में संत पापा की यात्रा किस तरह महत्वपूर्ण है इसके जवाब में कार्डिनल ताग्ले ने कहा कि हम खुश हैं कि संत पापा म्यानमार एवं बांग्लादेश की यात्रा कर रहे हैं जहाँ ख्रीस्तीयों की संख्या कम है। एशिया में खासकर, इन दोनों देशों में राजनीतिक स्थिति महत्वपूर्ण है और साथ ही साथ मानवीय परिस्थिति भी।

अतः हम आशा व्यक्त करते हैं कि यद्यपि इन दोनों देशों में कलीसिया का आकार छोटा है संत पापा की उपस्थिति उस सेतु का निर्माण करेगा जिसको सुसमाचार प्रस्तुत करता है। सुसमाचार सभी लोगों को प्रेम में एक साथ आशा प्रदान करेगा। 








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