2017-11-06 16:39:00

सिस्टर रानी मरिया के धन्य घोषणा समारोह की अध्यक्षता कार्डिनल अमातो ने की


इन्दौर, सोमवार, 6 नवम्बर 2017 (वीआर,रेई) : ″सिस्टर रानी मारिया का बलिदान" बहुत सारे मिशनरियों के लिए प्रकाशस्तंभ" बन गया है, जो लोगों की भलाई के लिए अपने काम में मुश्किलों का सामना करते हैं। सिस्टर रानी मरिया न्याय की भूखी और प्यासी थी इसी वजह से उनकी हत्या की गई।″ उक्त बातें संत प्रकरण हेतु गठित परमधर्मपीठीय संगठन के अध्यक्ष कार्डिनल अंजेलो अमातो ने इंदौर में 4 नवम्बर को धन्य रानी मरिया के धन्य घोषणा समारोह के दौरान कही।

फ्राँसिसकन क्लारिस्ट धर्मसमाज की धर्मबहन रानी मरिया की 25 फरवरी 1995 को देवास जिला के नचानबोरे पहाड़ पर चाकू से 54 बार वार करके हत्या की गई थी। उस समय वे 41 वर्ष की थीं।

इन्दौर के संत पौल हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में मुख्य अनुष्ठाता कार्डिनल अंजेलो अमातो के साथ भारत के चार कार्डिनलों 45 धर्माध्यक्षों और लैटिन सीरो मालाबार एवं सीरो मलंकरा रीति के सौ से भी ज्यादा पुरोहितों, धर्मबहनों और 15,000 से अधिक लोगों ने रानी मरिया के धन्य घोषणा समारोह में भाग लिया।

10 बजे संत पापा फ्राँसिस की ओर से कार्डिनल अंजेलो अमातो ने रानी मरिया को धन्य घोषित कर समारोह की शुरुआत की। सीरो मालाबार कलसिया के प्रमुख कार्डिनल जोर्ज अलेंचेरी ने घोषणा का अंग्रेजी संस्करण पढ़ा।

इस समारोह में भाग लेने धन्य रानी मरिया के हत्यारे समन्दर सिंह और सिस्टर रानी मरिया के परिवार वाले केरल से आये थे।

कार्डिनल अमातो ने अपने प्रवचन में कहा, ″रानी मरिया को न्याय, क्षमा और बंधुत्व जैसे सुसमाचार के मूल्यों को बढावा देने और गरीबों के बीच उनके अधिकारों की रक्षा हेतु काम करने के कारण उन्हें मरना पड़ा।

वाटिकन आधिकारी ने उन्हें "मुस्कुराने वाली प्रेरित" का नाम दिया जिन्होंने चुनौतियों और "पीड़ा के आँसू" के बीच धैर्य, साहस, शांति और सुलह की भावना के साथ विश्वास भरे "आशा" को बनाए रखा। उन्होंने यह भी कहा कि शहीदों ने हमेशा "नए ख्रीस्तीयों की पीढ़ी के लिए पृथ्वी को उपजाऊ बनाया है।" उदयनगर और आसपास के गावों में, जहां रानी मारिया ने काम किया, शायद ही कोई ख्रीस्तीय थे।

इन्दौर के धर्माध्यक्ष चाको के अनुसार रानी मरिया की शहादत न केवल उदयपुर मिशन के लिए ही नहीं वरन् पूरे भारत के लिए एक आशीष है।

कार्डिनल अमातो के लिए, रानी मारिया की शहादत के प्रभाव का "स्पष्ट संकेत" उनके हत्यारे समन्दर सिंह का सार्वजनिक पश्चाताप है। भारत की कलीसिया में धन्य रानी मरिया पहली महिला शहीद हैं। पुरुषों में पहले शहीद लोकधर्मी धन्य देवसहायम पिल्लाइ  हैं तामिलनाडू के स्थानीय राजा ने 1752 में  उनकी हत्या करवा दी थी। कार्डिनल अमातो ने कन्याकुमारी जिले में नागरकोइल में 2012 में उन्हें धन्य घोषित किया था।








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