काल्यारी, इटली, शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली के सारदेन्या प्रान्त स्थित काल्यारी शहर में श्रम की गरिमा पर आयोजित 48 वें सामाजिक सप्ताह के प्रतिभागियों को सन्त पापा फ्राँसिस ने एक विडियो सन्देश प्रेषित कर हार्दिक शुभकामनाएँ अर्पित की हैं।
गुरुवार को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने श्रम के महत्व एवं उसकी गरिमा पर ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि समस्त आर्थिक प्रणालियों के अन्तर में मुनाफ़े के बजाय लोगों के कल्याण एवं उनकी सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिये।
यह स्मरण दिलाते हुए कि पवित्र बाईबिल में किसानों, मछुआरों एवं सुतारों से लेकर प्रशासक तक के कई लोगों को उनके काम के अनुकूल परिभाषित किया गया है सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि ईश्वर हमारा आह्वान करते हैं कि हम अपने श्रम, अपनी नौकरी तथा अपने कौशल एवं अपनी प्रतिभा को आम लोगों की सेवा के प्रति समर्पित रखें।
सन्देश में सन्त पापा ने विभिन्न प्रकार के कामों का ज़िक्र किया जिनमें दासता, हथियारों की तस्करी, काला बाज़ारी या फिर नौकरियों के माध्यम से लोगों का शोषण या अपमान किया जाना शामिल है।
उन अनगिनत लोगों का स्मरण करते हुए जो नौकरी गुम हो जाने की आशंका से भयभीत हैं सन्त पापा ने कहा, "इस प्रकार की अनिश्चितता "अनैतिक" है, क्योंकि यह लोगों की गरिमा को ख़त्म कर देती, उनसे उनका स्वास्थ्य छीन लेती तथा उनके साथ उनके परिवारों और पूरे समाज को क्षति पहुँचाती है।"
ख़तरनाक एवं अस्वास्थ्य कर परिस्थितियों में काम करने के लिये मजबूर श्रमिकों की ओर भी सन्त पापा ने ध्यान आकर्षित कराया जिनकी काम करते वक्त कभी-कभी मौत भी हो जाया करती है। समस्त बेरोज़गारों एवं अल्प-रोज़गारों के प्रति उन्होंने एकात्मता का प्रदर्शन किया जो दिन-ब-दिन एक अच्छी नौकरी पाने की उम्मीद खोते जा रहे हैं।
मानव गरिमा एवं पर्यावरण की सुरक्षा पर आधारित होने के बजाय उपभोक्तावाद पर निर्भर विश्वव्यापी आर्थिक निकाय का उन्होंने खण्डन किया और कहा कि "तकनीकी क्षेत्र की प्रगतियों को, सत्ताधारियों के हाथों का खिलौना होने के बजाय, लोगों की सेवा का अस्त्र बनाया जाना चाहिये।"
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