2017-10-27 12:14:00

बलात धर्मान्तरण के झूठे आरोपों पर भारतीय ख्रीस्तीय फिर हुए गिरफ्तार


नई दिल्ली, शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2017 (ऊका समाचार): मध्यप्रदेश पुलिस ने दो ईसाई महिलाओं को बच्चों के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार किया है, किन्तु कलीसियाई नेताओं का कहना है कि यह ईसाईयों को परेशान करने तथा उत्पीड़ित करने का नवीनतम उदाहरण है।

गिरफ्तारी के एक दिन बाद 25 अक्टूबर को अनीता जोसफ और अमृत कुमार मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत हुए जिन्हें पुलिस की जाँच पड़ताल तक न्यायिक हिरासत में रहने का आदेश दिया गया।

इन्दौर के पुलिस अधिकारी कुँवरलाल वरकड़े ने कहा कि इन दो महिलाओं को हिन्दु धर्म जागरण मंच नामक एक दल की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया। मंच ने शिकायत की थी कि महिलाएँ बच्चों को धर्मान्तरण के लिये रेल से मुम्बई ले जा रही थीं।   

वरकड़े ने ऊकान्यूज़.कॉम से कहा कि महिलाओं पर बच्चों के अपहरण तथा धर्मान्तरण सम्बन्धी गतिविधियों पर रोक लगानेवाले राज्य कानून के उल्लंघन का आरोप है तथा दोष सिद्ध हो जाने पर इन्हें सात साल तक के कारावास की सज़ा मिल सकती है क्योंकि सभी छः बच्चे 14 वर्ष की आयु से कम उम्र वाले हैं।

इसी बीच, इन्दौर के धर्माध्यक्ष चाको थोटूमारीकल ने कहा कि मिशनरियों को धमकियाँ देने के लिये हिन्दू चरमपंथी इस प्रकार की गिरफ्तारियाँ करवाते रहते हैं। ऊकान्यूज़.कॉम से उन्होंने कहा कि "हम हमेशा उनके निशाने पर रहते हैं और यह काफी डरावना है।"

धर्माध्यक्ष थोटूमारिकल ने बताया कि इस वर्ष "मध्यप्रदेश में हमने इस तरह की तीन अन्य घटनाओं का अनुभव किया है।" 

चार महीने पहले ही एक प्रकरण में पुलिस ने एक काथलिक धर्मबहन तथा उनके साथ रेलयात्रा करनेवाली चार जनजातीय लड़कियों को हिरासत में ले लिया था।

धर्माध्यक्ष थोटूमारिकल ने कहा कि कलीसिया के लोग खतरों से अवगत हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपने पुरोहितों, धर्मबहनों एवं समाज कार्यकर्त्ताओं को आदेश दे रखा है कि वे सभी सम्बन्धित दस्तावेज़ों को अद्यतित रखें ताकि समस्त गतिविधियाँ हमेशा पारदर्शी रहें। 

दिव्य शब्द धर्मसमाजी धर्माध्यक्ष चाको थोटूमारिकल ने कहा "हमें बच्चों, महिलाओं और वृद्ध लोगों के लिए संचालित अपने आश्रमों एवं केन्द्रों के प्रबन्धन में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होती है क्योंकि छोटी की ग़लती भी हमारे लिये बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है।" 

मध्यप्रदेश के ख्रीस्तीय नेता शिबू थॉमस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के सत्ता में आ जाने से ख्रीस्तीयों पर आक्रमण के मामलों वृद्धि हुई। इस वर्ष के आरम्भ से अब तक ख्रीस्तीयों पर हमलों के कम से कम अस्सी घटनाएँ दर्ज़ की गई हैं।








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