2017-10-26 16:33:00

कोई भी ख्रीस्तीय संघर्ष से रहित नहीं


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 26 अक्तूबर 2017 (रेई): ″येसु हमें अपना जीवन बदलने, अपने मार्ग में बदलाव लाने तथा मन-परिवर्तन करने का आह्वान देते हैं और जिसका मतलब है बुराई से संघर्ष करना, न केवल बाह्य किन्तु आंतरिक रूप से भी, जो हमें न केवल स्थिरता प्रदान करता किन्तु शांति देता है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

संत पापा ने प्रवचन में संत लूकस रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु कहते हैं कि वे इस पृथ्वी पर आग लेकर आये हैं। आग जो परिवर्तन हेतु चुनौती देता है।  

उन्होंने कहा, ″सोच में बदलाव लाने, अनुभव के तरीकों को बदलने, अपना हृदय जो सांसारिकता एवं गैरख्रीस्तीय भावनाओं से भरा है उसे ख्रीस्त की शक्ति से भरने के द्वारा हम ख्रीस्तीय बन सकते हैं, यही मन-परिवर्तन है। हमारे तौर-तरीकों में परिवर्तन लाने से हमारे कार्यों में परिवर्तन होता है।″ संत पापा ने कहा कि मन-परिवर्तन में शरीर और आत्मा सब कुछ शामिल होता है। यह एक परिवर्तन है किन्तु ऐसा परिवर्तन नहीं है जिसको छल की भावना से की जाती है बल्कि यह पवित्र आत्मा का कार्य है जिसके लिए मुझे अपनी ओर से खुला होने और उन्हें सहयोग देने की आवश्यकता है।

संत पापा ने कहा कि कोई भी ख्रीस्तीय नहीं है जो संघर्ष से रहित है। जो लोग असल ख्रीस्तीय नहीं हैं वे गुनगुने रहते हैं। सोने के लिए दवाई है किन्तु शांति पाने के लिए किसी तरह की औषधि नहीं है मात्र पवित्र आत्मा ही मन की सच्ची शांति प्रदान कर सकते हैं। अतः हमें पवित्र आत्मा के प्रति उदार होना चाहिए।

संत पापा ने पवित्र आत्मा को जगह देने का आग्रह करते हुए कहा, ″हमारे हृदय में उनके लिए जगह बनायें जिसके लिए प्रतिदिन अंतःकरण की जाँच हमें बहुत मदद देता है। यह हमें भावनाओं की बीमारी से लड़ने की शक्ति देता है जिसको शत्रु एवं शैतान हममें बोता है।

संत पापा ने याद किया कि येसु ने जिस शैतान का सामना किया वह बहुत पुराना नहीं किन्तु आधुनिक है यह आज भी अत्यन्त सक्रिय है। अतः येसु जिस आग को हमारे हृदयों में जलाने  आये, उसे हम अपने अंदर जलने दें तथा अपने आप से प्रतिदिन पूछे कि क्या मैंने सांसारिकता और पाप पर जीत पाकर पवित्र आत्मा की कृपा के लिए जगह बनायी है जिसमें वे कार्य कर सकें?

हमारे जीवन में कठिनाईयों का समाधान सच्चाई को छिपाने के द्वारा नहीं आता किन्तु सच्चाई यह है कि येसु ने अपने साथ आग और तलवार लाया है?   

संत पापा ने अपने प्रवचन के अंत में कहा कि मन-परिवर्तन के लिए एक उदार एवं वफादार हृदय की जरूरत है, उस उदारता की जो हमेशा ईश वचन के प्रति प्रेम और निष्ठा से प्रेरित है। 








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