2017-10-25 16:02:00

मौत की सजा सुनाये गये ईरानी डॉक्टर को नहीं मारने हेतु एक अभियान शुरु


तेहरान, बुधवार, बुधवार 25 अक्टूबर 2017 (एशिया न्यूज) : अहमद्रेज़ा दजालाली की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय अभियान जारी की गई है। श्री दजालाली एक ईरानी डॉक्टर और शोधकर्ता हैं जिन्हें  ईरानी अदालत ने "इजरायल सरकार के साथ काम करने" के लिए मौत की सजा सुनाई है।

स्वीडेन और इटली में जहां जदालाली काम किया है और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल के अधिकारियों ने उनके बचाव में उनकी ओर से बातें की हैं। उनके 5 और 14 साल के दो बच्चे हैं उन्होंने अपने पिता को बचाने के लिए संत पापा फ्राँसिस से अपील की है।

45 वर्षीय दजालाली अपनी पत्नी मेहरान्नीआ दोनों इरानी हैं। 2009 में वे स्वीडेन चले गये जहां दजालाली को एक डॉक्टर की उपाधि मिली। उसके बाद वे इटली के नोभारा आये और 2012 से 2015 तक उन्होंने  पूर्वी पीडमोंट विश्वविद्यालय के इन्टरडिसीप्लिनरी मेडिकल आपदा रिसर्च सेंटर में काम किया।

दजालाली अपने पैतृक देश के साथ संपर्क बनाये रखते थे। तेहरान विश्वविद्यालय के निमंत्रण पर साल में दो बार दौरा किया करते थे जबतक कि 24 अप्रैल 2016 में उन्हें गिरफ्तार किया गया।

उनकी पत्नी ने कहा कि गिरफ्तार के बाद तीन महीनों तक एविन जेल में उन्हें बिलकुल अकेला रखा गया था।

उसके बाद उन्हें खुद के बचाव करने से रोका गया और अचानक एक निहायत अनुचित परीक्षण के बाद उसकी सजा की खबर आ गई।

आपातकालीन चिकित्सा के इतालवी और स्वीडिश सहयोगियों का मानना है कि उनके खिलाफ आरोप इस तथ्य के कारण उत्पन्न होती है कि उसने सह-लेखक सऊदी शोधकर्ताओं के साथ कुछ वैज्ञानिक लेख और इजरायल विद्वानों के साथ ही मास्टर कार्यक्रम में पढ़ाया था और एक इजरायली विशेषज्ञ के साथ, रेडियोलॉजिकल, रासायनिक और परमाणु आपात स्थिति पर एक यूरोपीय संघ परियोजना में भाग लिया था।

मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसंधान और वकालत निदेशक फिलिप लूथर ने कहा, "कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है जिससे पता चले कि उसने शैक्षणिक और शांति से अपने पेशे को आगे बढ़ाने के अलावा और कुछ भी गलत किया है। इसे देखते हुए, "अधिकारियों को तुरंत और बिना शर्त उसे रिहा और सभी आरोपों को समाप्त करना चाहिए।"








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