2017-10-24 16:19:00

एक अच्छा ख्रीस्तीय होना काफी नहीं, संत पापा


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 24 अक्टूबर 2017 (रेई): येसु ख्रीस्त के रहस्य का केंद्र है कि वे मुझे प्यार करते हैं तथा उन्होंने मेरे लिए अपने को मृत्यु के हवाले कर दिया। इस रहस्य में प्रवेश करने के लिए संत पापा फ्राँसिस ने सलाह दी कि हम येसु के दुःखभोग एवं क्रूस रास्ता पर चिंतन करें।

मंगलवार 24 अक्टूबर को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा ने प्रवचन में रोमियों के नाम लिखे संत पौलुस के पत्र पर चिंतन किया जहाँ संत पौलुस पाप के प्रवेश एवं पाप मुक्ति पर प्रकाश डाला है एवं विश्वासियों को विद्रोह, पाप, अवज्ञ एवं क्षमाशीलता को समझाने का प्रयास किया है कि इनके पीछे मुक्ति का क्या रहस्य है।

संत पौलुस गहराई से यह महसूस करते हैं कि येसु उन्हें प्यार करते तथा उन्होंने उनके लिए अपने को अर्पित कर दिया है यद्यपि यह आसान नहीं है कि कोई किसी के लिए स्वेच्छा से अपने आप को अर्पित कर सके किन्तु येसु ने ऐसा किया है। यह एक कृपा है। संतों ने इस रहस्य को अच्छी तरह समझा एवं उन सभी लोगों भी जो विनम्र हैं एवं प्रभु पर भरोसा रखते हैं। वे येसु के दुःखभोग के रहस्य में प्रवेश करते हैं। संत पौलुस के अनुसार यह एक पागलपन के समान है। वे न तो सभागृह पर और न ही गमालिएल के पास अध्ययन पर किन्तु अपने पापों एवं क्रूसित येसु पर गर्व करते हैं। जो उन्हें येसु के दुःखभोग के रहस्य की ओर ले चलता है एवं अपने पापों को स्वीकार करने की शक्ति देता है।

संत पापा ने कहा कि जब हम ख्रीस्तयाग में भाग लेते हैं हम वचन सुनते हैं जो येसु ख्रीस्त से आता है किन्तु यह काफी नहीं है। ख्रीस्त के रहस्य में प्रवेश करना उससे बढ़कर है अर्थात् करुणा की गहराई में प्रवेश करना जहाँ कोई शब्द नहीं केवल प्रेम का चुम्बन है। वही प्रेम जिसने उन्हें हमारे लिए मृत्यु स्वीकर करने हेतु प्रेरित किया। जब हम पापस्वीकार के लिए जाते हैं हमें प्रभु से याचना करनी चाहिए कि प्रभु हमारे पापों को क्षमा कर दें। कई बार हम अपने पापों को पाप मोचक को बतलाते और उसे ही पर्याप्त समझ कर संतोष कर लेते हैं जबकि इसके द्वारा हम येसु के रहस्य में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। पाप स्वीकार संस्कार में हमें येसु के रहस्य में प्रवेश करने, येसु से मुलाकात करने तथा उनसे क्षमा मांगने की आवश्यकता है तभी हम क्षमाशीलता के वरदान को प्राप्त कर पायेंगे।

येसु आपके लिए कौन हैं पूछे जाने पर हमें यह जवाब दे सकना चाहिए कि वे ईश्वर के पुत्र हैं। वे मुझे प्यार करते एवं उन्होंने मेरे लिए अपने को अर्पित किया है। संत पापा ने कहा कि यदि हम कलीसिया की धर्मशिक्षा एवं प्रेरितों के धर्मसार की अच्छी जानकारी रखते किन्तु येसु के रहस्य में प्रवेश नहीं कर सकते हैं कि तो हमारा विश्वास अधूरा है। येसु के रहस्य को समझना अध्ययन से संभव नहीं है यह केवल कृपा द्वारा समझा जा सकता है। 

संत पापा ने ‘क्रूस रास्ता’ प्रार्थना करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा कि यह हमें क्षमाशीलता एवं शांति का चुम्बन देता है। उन्होंने कहा, ″क्रूस का रास्ता करना अच्छा है। इसे अपने घर में करें, प्रभु के दुःखभोग पर चिंतन करें। महान संत भी हमें यही सलाह देते हैं कि हम क्रूसित येसु पर चिंतन करते हुए अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरूआत करें।″  

संत पापा ने चेतावनी दी कि कुछ लोग वाह्य धार्मिक अभ्यासों तक ही सीमित रह जाते हैं। ″मैं एक अच्छा ख्रीस्तीय हूँ, मैं रविवार को गिरजा जाता हूँ दया के कार्य करता हूँ, प्रार्थना करता तथा अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देता हूँ।″ संत पापा ने कहा किन्तु सवाल यहाँ यह है कि क्या हमने येसु के रहस्य में प्रवेश किया है?  

संत पापा ने संत पौलुस के माध्यम से प्रार्थना की जो एक सच्चे साक्षी हैं जिन्होंने येसु के साथ मुलाकात की थी एवं उनके रहस्य में प्रवेश किया था, वे हमारे लिए प्रार्थना करें ताकि हम भी उस रहस्य में प्रवेश कर सकें जो हमें प्यार करते एवं जिन्होंने हमारे लिए अपने को अर्पित कर दिया है। जिन्होंने हमें ईश्वर के सामने न्यायसंगत ठहराया है, हमारे सभी पापों को क्षमा किया है एवं पाप के जड़ को भी उखाड़ फेंका है।

संत पापा ने सभी विश्वासियों से आग्रह किया कि वे क्रूस की ओर देखें जो सृष्टि का सबसे महान  रहस्य है क्रूसित ख्रीस्त जो इतिहास और हमारे जीवन के केंद्र हैं। 








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