2017-09-28 16:15:00

इतालवी हिंदू संघ के उपाध्यक्ष ने भारत में ईसाई विरोधी हमलों की निंदा की


भारत, बृहस्पतिवार, 28 सितम्बर 2017 (रेई): ″पूर्ण अहिंसा ही आधारशीला है जिसके चारों ओर हमारी आध्यात्मिकता घूमती है। एक सच्चा हिन्दू हिंसा का प्रयोग कभी नहीं करता, वह ऐसा कदापि नहीं कर सकता। हम जानवरों को नहीं मारते हैं तो मानव प्राणी की हत्या को इतनी सरलता से कैसे ले सकते।″ यह बात इटली में हिंदू संघ की उपाध्यक्षा हमसानन्द गिरि ने कही।

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु हिन्दू प्रतिनिधि ने भारत के झारखंड राज्य में हिन्दू चरमपंथियों द्वारा ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा को बढ़ावा दिये जाने का विरोध किया। 

दुर्भाग्य से न केवल भारत में किन्तु दुनिया भर में धार्मिक चरमपंथियों का बढ़ता प्रभाव चिंता का विषय बन गया है। धर्म का प्रयोग राजनीति, रणनीति-संबंधी, आर्थिक मुद्दों तथा ऐसे मामलों के लिए किया जा रहा है जिनका उसके साथ कोई ताल्लुक ही नहीं है।

उपाध्यक्षा हमसानन्द ने कहा, ″भारत ऐतिहासिक रूप से कई संस्कृतियों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का स्थल रहा है जबकि हम यहाँ धर्म के नाम पर किसी की गंदी कहानी सुन रहे हैं जो खासकर, हिन्दू धर्म से जुड़ा है। इनमें से कई घटनाएँ संचार माध्यमों के भ्रामक प्रचार का परिणाम है जो निर्दोष जनता को निशाना बनाते हैं। हाल के दशकों में ख्रीस्तीय मिशनरियों की पहुँच ने बहुत अधिक परिवर्तन लाया है जो सम्मान एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व पर आधारित है।″

उन्होंने कहा कि हिंदू धार्मिक प्रस्तोता की श्रेणी के विपरीत, झारखंड में पिछले माह धर्मांतरण विरोधी कानून पास किया गया है। जिसके विरोध में राँची के काथलिकों एवं अन्य ख्रीस्तीय समुदायों ने 23 सितम्बर को मौन जुलूस का प्रदर्शन किया था क्योंकि यह संविधान प्रदत्त धर्म मानने एवं अंतःकरण की स्वतंत्रता के विरूद्ध है। उन्होंने कहा कि इन दिनों धर्मांतरण विरोधी कानून एवं धर्मांतरण के आरोप में किये गये गिरफ्तार के कारण शहर पूरी तरह हिल गया है।








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