2017-09-25 16:25:00

सांत्वना मजाक नहीं बल्कि ईश्वर की शांति है,संत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार, 25 सितम्बर 2017 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को अपने प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन पवित्र ख्रीस्तयाग समारोह अर्पित किया। समारोह के दौरान उन्होंने प्रवचन में प्रथम पाठ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज ईश्वर हमें "पाप-क्षमा की ओर तनाव" को सिखाना चाहते हैं। ईश्वर ने इस्राएलियों को निर्वासन से मुक्त कर उन्हें येरुसालेम वापस ले आया। उनकी यह "महत्वपूर्ण" यात्रा उनके मुक्ति इतिहास की यात्रा थी।

ईश्वर जब हमारे पास आते हैं तो वे हमें खुशी और सांत्वना देते हैं। बाइबिल हमें सिखाती हैं कि जो बोते समय आंसु बहाता है वह काटते समय आनंद मनाता है। ईश्वर उन्हें सात्वना देते हैं वे आज हमें भी आध्यात्मिक सांत्वना देते हैं। ईश्वर की सांत्वना हर ख्रीस्तीय के आध्यात्मिक जीवन का आधार है।

संत पापा ने सभी को ईश्वर के आने की "प्रतीक्षा" करने की सलाह दी और कहा कि हम सभी के आध्यात्मिक जीवन में कमजोर और मजबूत क्षण आते हैं परंतु ईश्वर अपनी उपस्थिति का एहसास कराते हैं और हमें खुशी और सांत्वना से भर देते हैं।  

संत पापा ने कहा कि हमें ईश्वर के आने की विनम्रता और आशा के साथ प्रतीक्षा करनी चाहिए। यह दिखने में छोटा लगता है पर शक्तिशाली है यह राख के नीचे छिपी हुई चिंगारी की तरह है।" वह ख्रीस्तीय जो ईश्वर से संयुक्त रहता, उनसे सांत्वना प्राप्त कर सामुदायिक जीवन जीता है और जो ऐसा नहीं करता वह अपने आप में बंद होकर रह जाता हैं या अपने जीवन को गोदाम में डाल देता है और उसे खुद पता नहीं होता कि इसका क्या करना चाहिए।  

संत पापा ने कहा कि सच्ची सांत्वना को हमें पहचानने की आवश्यकता है क्योंकि कुछ झूठे भविष्यवक्ता हैं जो हमें सांत्वना देने के बहाने हमें धोखा देते हैं। सांत्वना वह खुशी है जिसे आप खरीद नहीं सकते हैं। "प्रभु की सांत्वना आपके विश्वास और आशा को बढ़ाता है यह अपने पापों के लिए आँसु बहाने और पश्चताप करने की कृपा देता है। अपने दुःखभोग में भी येसु ने पिता ईश्वर से सांत्वना पाई थी। सांत्वना कोई मजाक नहीं बल्कि ईश्वर की शांति है। मजाक एक बुरी बात नहीं है, हम इंसान हैं, कभी-कभी हम भी मजाक करते हैं।








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