2017-09-18 17:06:00

संत पापा ने जापानी धर्माध्यक्षों से अपने शहीदों की यादों को बनाये रखने का आग्रह किया


वाटिकन सिटी, सोमवार,18 सितम्बर 2017 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने जापान के ख्रीस्तीयों से अपने कई शहीदों की गवाही को ध्यान में रखते हुए वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने का आग्रह किया है।

संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल फेरनांदो फिलोनी के जापान की प्रेरितिक यात्रा के अवसर पर जापान के धर्माध्यक्षों को संबोधित पत्र में जापान के कई शहीदों और 'छिपे हुए ख्रीस्तीयों' को याद कराया उन्होंने 17 वीं से लेकर 19वीं शताब्दी तक गुप्त रूप से ख्रीस्तीय जीवन व्यतीत किया था, उनके विश्वास का परित्याग नहीं किया जा सकता। संत पापा ने विशेष रुप से संत पौल मिकी और उनके साथियों को याद किया जिन्होंने विश्वास के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। येसु और कलीसिया के प्रति विश्वासी बने रहने के कारण बहुतों को शहीद होना पड़ा।

वर्तमान चुनौतियों का सामना करने वाले जापानी ख्रीस्तीय

अपने पत्र में संत पापा ने जापानी ख्रीस्तीयों की वर्तमान चुनौतियों के बारे में लिखा और उन्होंने उन्हें आमंत्रित किया कि वे शांति बनाये रखें और वार्ता का सहारा लें, भले ही उन्हें समस्याग्रस्त परिस्थितियों का सामना करना भी पड़े।

संत पापा ने जापान की कुछ ऐसी परिस्थितियों का उल्लेख किया जिसको लेकर वे चिंतित हैं। वे हैं - "तलाक का उच्च दर," "युवा लोगों के बीच आत्महत्या की संख्या में वृद्धि," 'हाइकिकोमोरी' की परिस्थितियाँ अर्थात जो लोग समाज से पूरी तरह से अलग रहने का चुनाव करते हैं, “धार्मिक और आध्यात्मिक औपचारिकता, धर्म के प्रति उदासीनता और धन कमाने के लिए काम करने का एक जुनून।"

 संत पापा ने कहा, यह भी सच है कि एक ऐसा समाज जो आर्थिक विकास में आगे बढ़ता है बहुत से गरीबों और हाशिये पर जीने वालों को बहुत पीछे छोड़ जाता है उन लोगों को न केवल भौतिक अर्थों में बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक रूप से भी मदद की जरूरत है।

कलीसिया में लगातार नवीकरण की आवश्यकता है

संत पापा ने कहा कि इन परिस्थितियों में जापान की कलीसिया को लगातार नवीकरण की अत्यंत आवश्यकता है "येसु के मिशन को हमेशा ध्यान में रखना है जो नमक और प्रकाश हैं।"

संत पापा ने निष्कर्ष निकाला कि जापानी कलीसिया को सुसमाचार प्रचार हेतु इस तथ्य से असली बल मिलता है कि यह शहीदों और विश्वासियों की कलीसिया रही है जिसके पास "सुरक्षित-संरक्षित और विकसित विश्वास की एक बड़ी संपत्ति है।"

सुसमाचार प्रचार संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल फेरनांदो फिलोनी के जापान की प्रेरितिक यात्रा 17 से 26 सितम्बर 2017 तक है।








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