2017-09-11 11:21:00

पीटर क्लावेर की समाधि पर सन्त पापा फ्राँसिस ने किया श्रद्धार्पण


कार्तागेना, कोलोम्बिया, रविवार, 11 सितम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): कार्तागेना में सन्त पापा फ्राँसिस ने सन्त पीटर क्लावेर को समर्पित गिरजाघर की भेंट के साथ-साथ उस पवित्र निवास की भी भेंट की जहाँ "अफ्रीकी गुलामों के रक्षक" सन्त पीटर क्लावेर रहा करते थे। आज यह निवास एक तीर्थस्थल में परिणत हो गया है जहाँ सम्पूर्ण दक्षिणी अमरीका और विश्व के विभिन्न देशों से  लाखों तीर्थयात्री आराधना करने पहुँचते हैं। रविवार को सन्त पापा फ्राँसिस के साक्षात्कार हेतु अफ्रीकी-अमरीकी समुदाय के लगभग 300 लोग येसु धर्मसमाजियों द्वारा संचालित सन्त पीटर क्लावेर निवास में उपस्थित थे।

"गुलामों के गुलाम" नाम से विख्यात पीटर क्लावेर का आदर सदियों से केवल येसु धर्मसमाज के सदस्यों द्वारा ही नहीं अपितु सन्त पापाओं, मानवाधिकार योद्धाओं एवं मानव प्रतिष्ठा के समर्थकों द्वारा भी किया जाता रहा है। उस युग में जब एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक इन्सानों को केवल मज़दूरी के लिये ख़रीदा और बेचा जाता था उस युग में पीटर क्लावेर ख़ुद गुलामों के गुलाम बने तथा उन्होंने सदैव इस बात पर बल दिया कि गुलामों को भी स्नेहयोग्य ईश्वर की सन्तान माना जाये तथा उनकी मानवीय गरिमा का सम्मान किया जाये।

पीटर क्लावेर की समाधि पर प्रार्थना करते हुए रविवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि यह  स्पानी पुरोहित आज की कलीसिया का आदर्श होना चाहिये ताकि, विशेष रूप से, समाज के बहिष्कृत, परित्यक्त तथा आप्रवासी एवं शरणार्थी बनने के लिये बाध्य लोगों की मानव प्रतिष्ठा के सम्मान को प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा, "कोलोम्बिया में तथा समस्त विश्व में आज भी लाखों लोग बेचे और ख़रीदे जाते हैं, वे मानवता की अभिव्यक्तियों की भीख मांग रहे हैं, ममता और वात्सल्य के कुछ क्षणों के लिये आतुर हैं, वे समुद्री या ज़मीनी रास्ते से भाग रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपना सर्वस्व खो दिया है, सबसे पहले तो उन्होंने मानव गरिमा एवं अपने अधिकारों को खो दिया है।" रविवार को कार्तागेना के नौसैनिक बन्दरगाह पर सन्त पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिसमें लगभग आठ लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए। इस अवसर पर एक बार फिर सन्त पापा ने कोलोम्बिया के ज़िम्मेदार लोगों को चेतावनी दी कि यदि कोलोम्बिया स्थायी शांति की आशा करता है तो उसे सर्वप्रथम समानता, न्याय एवं मानव प्रतिष्ठा के सम्मान के लिये कृतसंकल्प होना पड़ेगा।     








All the contents on this site are copyrighted ©.