2017-09-10 11:28:00

अनाथ कोलोम्बियाई बच्चों से सन्त पापा फ्राँसिस की मुलाकात


मेडेलिन, कोलोम्बिया, रविवार, 10 सितम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): "होगार सान होजे", यही नाम है, मेडेलिन में, येसु धर्मसमाजी पुरोहितों द्वारा संचालित कोलोम्बियाई गृहयुद्ध एवं हिंसा के शिकार बने अनाथ बच्चों के आश्रम का। कलीसिया के परमाध्यक्ष की यात्राओं के दौरान पीड़ा से जुड़े किसी स्थल की भेंट करना एक परम्परा बन गई है जिसमें कारावास हो, अनाथ आश्रम हो या फिर वृद्धाश्रम हो, शरणार्थी स्थल या फिर अलग तरह से सक्षम एवं विकलांग लोगों का आश्रय ही क्यों न हो। शनिवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने "होगार सान होजे" आश्रम में लगभग 300 बच्चों का साक्षात्कार कर उनके प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया।

युद्धोपरान्त अनाथ हुए बच्चों की देखरेख करने के लिये "होगार सान होजे" आश्रम की स्थापना सन् 1942 में की गई थी। इसके बाद से यहाँ गृहयुद्ध की हिंसा अथवा मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े अपराधी गुटों की हिंसा के शिकार बने बच्चों को शिक्षा, मनोवैज्ञानिक एवं हर प्राथमिक सहायता प्रदान कर पुनर्वास का मौका दिया जाता है।

मेडेलिन के "होगार सान होजे" आश्रम के प्राँगण में शनिवार को बच्चों ने श्वेत फूलों के गुलदस्ते अर्पित कर सन्त पापा का हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर सन्त ने प्राँगण में प्रतिष्ठित सन्त योसफ की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा कुछ देर मौन रहकर प्रार्थना की। आश्रम के निर्देशक द्वारा अभिवादन पत्र पढ़े जाने के उपरान्त क्लाऊदिया येसेनिया नामक एक बच्ची ने अपना साक्ष्य प्रस्तुत किया। बच्ची ने अपनी दुःख भरी कहानी सन्त पापा के समक्ष रखते हुए बताया कि जब वह केवल दो वर्ष की थी तब सान कारलोस अन्तियोकिया में विद्रोही लड़ाकाओं के हमले में वह घायल हो गई थी तथा उसने अपने परिजनों सहित सबकुछ को खो दिया था। हमले में उसका परिवार ही नहीं अपितु सम्पूर्ण गाँव तबाह हो गया था किन्तु "होगार सान होजे" में उसने आश्रय पाया जहाँ उसे केवल भोजन एवं शिक्षा ही नहीं मिली अपितु बहुत सारा प्यार भी मिला। उसने कहा कि "होगार सान होजे" में आना उसके लिये पुनर्जन्म और नये जीवन के समान है। आश्रम के बच्चों ने सन्त पापा के समक्ष कई गीतों का तोहफा पेश किया तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।  








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