बोगोटा, शुक्रवार, 08 सितम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): लातीनी अमरीका के कोलोम्बिया राष्ट्र में गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कोलोम्बिया के लगभग 130 धर्माध्यक्षों को सम्बोधित करते हुए कलीसिया के मिशन को परिभाषित किया।
बोगोटा के महाधर्माध्यक्षीय निवास में धर्माध्यक्षों को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने उनसे आग्रह किया कि वे अपने लोगों में साहस का संचार कर हिंसा एवं प्रतिशोध के परित्याग तथा निश्चयात्मक शांति एवं पुनर्मिलन के रास्ते पर अग्रसर होने के लिये उन्हें प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कलीसिया का मिशन पुरुषों और महिलाओं की सच्ची भलाई के लिए चुपचाप काम करना है। उसका कार्य पुलों का निर्माण करना, मतभेदों को दूर करना, बातचीत की संस्कृति को बढ़ावा देना तथा क्षमा एवं पुनर्मिलन के द्वारा न्याय की भावना को प्रोत्साहित करना है।
काथलिक कलीसिया में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए सन्त पापा ने धर्माध्यक्षों को चेतावनी दी कि वे महिलाओं की भूमिका को याजकवर्ग के नौकर तक ही सीमित न करें।
ग़ौरतलब है कि लातीनी अमरीका के अधिकांश राष्ट्रों के समान ही रूढ़िवादी विचारधाराओं के तले दबे कोलोम्बिया में भी प्रायः महिलाओं को भेदभावों, यौन शोषण तथा अन्य प्रकार के उत्पीड़न का शिकार बनना पड़ता है।
गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने लातीनी अमरीका एवं करीबियाई देशों के धर्माध्यक्षों को महिलाओं के अधिकारों के प्रति भी सचेत किया और कहा कि महिलाओं की मूल्यवान भूमिका की अनुपस्थिति में ख़ुद कलीसिया नवजीवन प्राप्त करने की क्षमता खो बैठेगी।
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