2017-09-07 11:49:00

कोलोम्बिया में एकता हेतु सन्त पापा की अपील


बोगोटा, गुरुवार, 07 सितम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): कोलोम्बियाई समाज के वरिष्ठ लोगों को सम्बोधित करने के उपरान्त गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कोलोम्बिया के राष्ट्रपति हुवान मानुएल सान्तोस से औपचारिक मुलाकात की। विश्लेषकों का अनुमान है कि इस अवसर पर सन्त पापा राष्ट्रपति से आग्रह करेंगे कि वे विगत वर्ष के शांति समझौते के बाद से कोलोम्बियाई समाज के विशिष्ट वर्ग में आई दरारों को पाटने का प्रयास करें। अपनी हवाई यात्रा के दौरान पत्रकारों से उन्होंने कहा था कि वे "शांति पथ पर अग्रसर होने के लिये कोलोम्बिया की मदद करना चाहते थे।"  और फिर यह कि "मेरा विश्वास है कि संघर्ष से उभरने का एकमात्र रास्ता वार्ता है।"   

सन् 2015 में अपनी क्यूबा प्रेरितिक यात्रा के अवसर पर सन्त पापा ने कोलोम्बिया के दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनसे अपील की थी कि शांति निर्माण हेतु वे इस ऐतिहासिक क्षण को न खोयें। राष्ट्रपति हुवान मानुएल सान्तोस इस शांति प्रक्रिया के प्रमुख अभिनायक रहे हैं जिन्हें सन् 2016 के नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

अपनी ओर से कोलोम्बियाई राष्ट्रपति सान्तोस ने चार वर्षों तक जारी रही शांति प्रक्रिया के कठिन दौर में समझौते हेतु विभिन्न पक्षों को प्रेरित करने के लिये बुधवार को सन्त पापा फ्राँसिस के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया था। राष्ट्रपति ने यह आशा भी व्यक्त की है कि देश में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा कोलोम्बिया को लोगों को "अगला कदम" उठाने के लिये प्रेरित करेगी ताकि दशकों से जारी राजनैतिक हिंसा का निश्चित्त रूप से अन्त किया जा सके जिसमें दो लाख बीस हज़ार लोगों के प्राण चले गये हैं, हज़ारों लापता हो गये हैं तथा लगभग सत्तर लाख लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गये हैं।

कोलोम्बिया के पारिजात वर्ग से अपील के साथ-साथ सन्त पापा फ्राँसिस कोलोम्बिया की सामान्य जनता से भी आग्रह कर रहे हैं कि वह न्याय एवं क्षमा की अपनी ज़रूरतों को सन्तुलित रखे। रोम से 06 सितम्बर को अपनी प्रेरितिक यात्रा की पूर्व सन्ध्या सन्त पापा ने एक विडियो सन्देश प्रकाशित कर शांति एवं उज्ज्वल भविष्य के ख़ातिर, समस्त कोलोम्बियाई लोगों से एक दूसरे तक पहुँचने हेतु "पहला कदम" उठाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था, "शांति ही है जिसकी प्रतीक्षा कोलोम्बिया के लोग कर रहे हैं और जिसके लिये बहुत लम्बे समय से वे प्रयासरत हैं। स्थाई एवं दूरगामी शांति ताकि हम, एक दूसरे को, भाई-बहन समझें, दुशमन नहीं।"  

ग़ौरतलब है कि कोलोम्बिया के विभिन्न पक्षों के बीच सम्पन्न शांति समझौते को एक वर्ष बीत गया है किन्तु अब तक समाज के विभिन्न वर्गों के बीच विभाजन बना हुआ है। बहुत से लोग इतनी अधिक हिंसा के बाद विद्रोहियों को दी गई उदार शर्तों से नाखुश हैं। इन समस्त पक्षों के बीच क्षमा एवं पुनर्मिलन की बहाली कर शांति का बीज प्रस्फुटित करना सन्त पापा फ्राँसिस का मिशन है जिसके लिये उन्होंने सम्पूर्ण विश्व के काथलिकों से प्रार्थना की अपील की है।








All the contents on this site are copyrighted ©.