2017-09-02 16:24:00

भारतीय अमरीकियों द्वारा टेक्सास में हज़ारों बाढ़ पीड़ितों की सहायता


ह्यूस्टन, शनिवार, 2 सितम्बर 2017 (मैटर्स इंडिया): टेक्सास में भारतीय-अमेरिकी, खासकर युवा स्वयंसेवक, भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता देकर तूफान हार्वे के कारण संकटपूर्ण बाढ़ से प्रभावित हज़ारों लोगों की मदद कर रहे हैं।

हालांकि वे खुद उससे प्रभावित हैं किन्तु उन्होंने प्रत्येक इलाके में फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से प्रभावित परिवारों के बारे जानकारी प्राप्त कर, कई स्वयंसेवकों के एक समूह का गठन किया है।

पीड़ितों को शरण देने के लिए मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों और कई रेस्तरों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं।

भारतीय रेस्तरां, मुफ्त भोजन के साथ पानी, चिकित्सा सेवा, शौचालय सुविधा, बेबी फूड और सफाई सामग्रियों के साथ लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।

इंडो-अमरीकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के निदेशक जगदीप अहलूवालिया जो लम्बे समय से ह्यूस्टन में रह रहे हैं उनके अनुसार ह्यूस्टन क्षेत्र में करीब 150,000 भारतीय-अमरीकी रहते हैं।  

ह्यूस्टन समुदाय के सदस्य विजय पालोद ने कहा, ″इस समय युवाओं की शक्ति और गतिशीलता सचमुच देखने योग्य है जब भारतीय अमरीकी किशोर बड़े उत्साह के साथ ″अंतरराष्ट्रीय सेवा″ के बैनर तले हार्वे से पीड़ित लोगों को राहत सेवा, शरण तथा भोजन प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। 

अमरीका के इतिहास में हार्वे तूफान सबसे अधिक विनाशकारी साबित हुआ है यह एक खास तरह का तूफान है जिसने अभूतपूर्व और विपत्तिजनक बाढ़ उत्पन्न किया है।

अंतरराष्ट्रीय सेवा ह्यूस्टन के अध्यक्ष गिरीश देसाई ने अनुमान लगाया है कि चार भारतीय-अमेरिकियों में से एक को तबाही के कारण विस्थापित होना पड़ा है।

भारतीय चाय दुकान के मालिक दिनेश ठाकुर, वहाँ शरण लिए हुए लोगों को मुफ्त में भोजन एवं अन्य सामग्रियाँ प्रदान कर रहे हैं।

ग्रेटर ह्यूस्टन, इंडिया हाऊस, इंडिया कल्चर सेंटर, इंडो अमेरिकन चैरिटी फाउंडेशन, इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन और इंडो अमेरिकन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी जैसे हिंदुओं के अन्य भारतीय संगठनों ‘अंतरराष्ट्रीय सेवा’ के माध्यम से भारतीय समुदाय की ओर से राहत सेवा प्रदान करने का प्रयास कर रह हैं। अमेरिका के टेक्सास राज्य में बचाव कार्य तेज हो गया है क्योंकि अधिकारियों ने तूफान हार्वे, जिससे करीब 47 लोगों की मौत हुई है। बाढ़ के पानी में घिरे लोगों की मदद करने के लिए खोज अभियान चलाया है।








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