2017-08-31 16:18:00

संत पापा ने रब्बियों से मुलाकात की तथा सहयोग को प्रोत्साहन दिया


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 31 अगस्त 17 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन में रब्बियों के एक प्रतिनिधि मंडल का अभिवादन किया जो ″येरूसालेम और रोम″ के बीच एक वक्तव्य को प्रस्तुत करने आये थे। 

संत पापा ने उनका स्वागत करते हुए कहा, ″मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ खासकर, यूरोपीय रब्बी सम्मेलन के प्रतिनिधि, अमरीका के रब्बी समिति तथा यहूदियों के साथ धार्मिक संबंधों के लिए परमधर्मपीठी  आयोग के साथ बातचीत में इज्राएल के मुख्य रब्बी के आयोग को।″

उन्होंने कहा, ″हमारी एक साथ यात्रा में, सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा से हम अभी वार्ता के फलप्रद समय का एहसास कर रहे हैं। यह येरूसालेम एवं रोम के बीच वक्तव्य में प्रकाशित होता है जिसे आपने जारी किया है और आज मुझे प्रस्तुत कर रहे हैं। यह दस्तावेज वाटिकन द्वितीय महासभा की घोषणा नोस्त्रा आएताते का विशेष रूप से सम्मान करता है। इसके चौथे अध्याय में यहूदी समाज के साथ हमारे संवाद के ″मैगना कार्ता″ को प्रस्तुत किया गया है।″

संत पापा ने कहा कि निश्चय ही वाटिकन द्वितीय महासभा द्वारा की गयी घोषणा को कार्य रूप में परिणत किये जाने के द्वारा हमारा संबंध अधिक मित्रवत् एवं भाईचारा पूर्ण बनता जा रहा है। नोस्त्रा आएताते चिह्नित करता है कि ख्रीस्तीय विश्वास का मूल, मुक्ति के दिव्य रहस्य के अनुसार मूसा और नबियों में है। यह भी कहा गया है कि उस महान धार्मिक धरोहर के द्वारा हमें बाईबिल के अध्ययन एवं भाईचारा पूर्ण विचार-विमार्श के माध्यम से एक साथ आपसी ज्ञान एवं सम्मान को बढ़ावा देना चाहिए। इस तरह हाल के दशकों में हम इस दूसरे के करीब आ सकें हैं तथा प्रभावशाली एवं फलप्रद संवाद में भाग ले पा रहे हैं। हमने आपसी समझदारी में वृद्धि की है तथा मित्रता के संबंध को प्रगाढ़ किया है। 

संत पापा ने कहा कि येरूसालेम एवं रोम के बीच वक्तव्य में इस बात को नहीं ढका गया है कि यद्यपि ईश शास्त्रीय विविधताएँ हैं जो हमारे विश्वास की परम्पराओं में प्रकट होते हैं तथापि वर्तमान एवं भविष्य में भी अधिक निकटता से सहयोग करने के दृढ़ संकल्प को व्यक्त करते हैं।

उन्होंने कहा कि उनका यह दस्तवेज काथलिकों को भागीदार, करीबी दोस्त, मित्र, और शांति, सामाजिक न्याय एवं सुरक्षा से भरी एक बेहतर दुनिया के लिए भाई जैसे शब्दों से सम्बोधित करता है। फिर आगे कहा गया है कि गहरा धार्मिक मतभेदों के बावजूद, कैथोलिक और यहूदी सामान्य विश्वासों को साझा करते हैं तथा यह भी सुनिश्चित करते हैं कि धर्मों को नैतिक व्यवहार एवं धार्मिक शिक्षा को दृढ़ता प्रदान करना चाहिए न कि अपना प्रभाव जताने के लिए युद्ध अथवा सामाजिक दबाव को।"

यह बहुत महत्वपूर्ण है। सर्वशक्तिमान ईश्वर हमें आशीष दे और हमारे सहयोग को आलोकित करे ताकि हम एक साथ उनकी योजना को अधिक अच्छी तरह आगे ले सकें जो कि भलाई की योजना है न कि बुराई, एक भविष्य और एक आशा के लिए।  

संत पापा ने सभी को यहूदी नव वर्ष की शुभकामनाएँ अर्पित की।








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