2017-08-28 16:26:00

संत पापा करेंगे म्यानमार एवं बंगलादेश की प्रेरितिक यात्रा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 28 अगस्त 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस 27 नवम्बर से 2 दिसम्बर 2017 तक म्यानमार और बंगलादेश की प्रेरितिक यात्रा करेंगे।

वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा 28 अगस्त को जारी एक विज्ञाप्ति में जानकारी दी गयी है कि ″उन देशों के शीर्ष अधिकारियों एवं धर्माध्यक्षों का निमंत्रण स्वीकार करते हुए संत पापा फ्राँसिस 27 से 30 नवम्बर 2017 तक म्यानमार की प्रेरितिक यात्रा करेंगे जहाँ वे यांगोन तथा नाई पैई ताउ शहरों का दौरा करेंगे। वे 30 नवम्बर से 2 दिसम्बर 2017 तक बंगलादेश की प्रेरितिक यात्रा में ढाका शहर का दौरा करेंगे।″

प्रेस विज्ञाप्ति में बतलाया गया है कि उन देशों में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा का कार्यक्रम शीघ्र प्रकाशित किया जाएगा।

बंगलादेश में संत पापा की आगामी प्रेरितिक यात्रा का आदर्श वाक्य है, ″सौहार्द और शांति।″

″सौहार्द″ शब्द बंगलादेश के विभिन्न धर्मों, संस्कृति, लोग, समाज, इतिहास, धरोहर तथा परम्परा के बीच सौहार्द की उम्मीद को दर्शाता है। जबकि ″शांति″ शब्द के माध्यम से बंगलादेश के भविष्य को समग्र मानव एवं आध्यात्मिक विकास के साथ कल्पना की गयी है।  

प्रतीक चिन्ह में एक उड़ता हुआ शांति पक्षी दर्शाया गया है जो संत पापा फ्राँसिस का प्रतीक है, जिन्हें उस देश के लिए सौहार्द एवं शांति का राजदूत माना गया है। उनकी उपस्थित को देश एवं कलीसिया के लिए एक आनन्दमय उत्सव के रूप में देखा गया है। शांति पक्षी को विभिन्न रंगों के फीते से बनाया गया है जो उत्सव के माहौल को व्यक्त करता है।

क्रूस और कमल का फूल में क्रूस ख्रीस्त की उपस्थिति एवं मानवता के लिए ईश्वर के प्रेम का चिन्ह है जबकि बंगलादेश में विभिन्न संस्कृति एवं धर्मों के लोग सौहार्द की भावना से एक साथ रहते हैं जिसको कमल के फूल के माध्यम से प्रकट किया गया है। यह जीवन और आशा का भी प्रतीक है। इसके द्वारा यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि बहुत कम संख्या होने के बावजूद लोगों का विश्वास अत्यन्त सुदृढ़ एवं सजीव है। 

पक्षी एवं फूल मातृभूमि को भी दर्शाता है जो हमारा आम घर है। रंगों में हरा, लाल और पीला को चुना गया है जो बंगलादेश एवं वाटिकन के राष्ट्रीय रंग हैं। सभी रंगों को एक साथ मिलाने का अर्थ है एकता, तथा वाटिकन एवं बंगलादेश के बीच आपसी स्थायी मित्रता। यहाँ इस बात को भी याद किया गया है कि सन् 1971 में जब बंगलादेश आजाद हुआ, वाटिकन पहला देश था जिसने इसे पहचाना था। नीला रंग शांति तथा बंगलादेश में नदियों के स्वच्छ जल का प्रतीक है।

म्यानमार ने 27 से 30 नवम्बर तक संत पापा की प्रेरितिक यात्रा हेतु एक ऐसे प्रतीक को चुना है जिसकी आकृति हृदय की तरह है जो ख्रीस्तीय एवं बुद्ध धर्मों के एक ही आधार प्रेम को दर्शाता है। यही वह विचार है जो ख्रीस्तीयों एवं बौद्ध धर्मावलम्बियों के बीच स्वीकृति तथा आपसी सम्मान को उत्पन्न करता है।

फीता जो हृदय के आकार में बना हुआ है उसमें दो झंडे हैं। पीला एवं सफेद रंगों वाला वाटिकन का झंड़ा है तथा पीला, हरा एवं लाल रंगों वाला म्यानमार का। म्यानमार का मानचित्र सात रंगों (इंद्रधनुष) द्वारा चित्रित है जो वहाँ के विभिन्न जाति के लोगों का प्रतीक है। म्यानमार में 8 मुख्य जातियाँ हैं तथा 135 उप जातियाँ जिनकी अपनी अलग भाषा एवं संस्कृति है।

संत पापा हाथ में कबूतर लिए हुए हैं  जो दर्शाता है कि संत पापा शांति के संदेश वाहक हैं।

म्यानमार का आदर्शवाक्य है – ″प्रेम एवं शांति″। ख्रीस्तीय शांति प्रेम पर आधारित है। प्रेम के बिना शांति नहीं हो सकती। उसी प्रेम को म्यानमार के लोग सबसे अधिक महत्व देते हैं वह शांति का पथ तैयार करेगा। संत पापा की प्रेरितिक यात्रा म्यानमार में प्रेम एवं शांति को बढ़ावा देगा।








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