वाटिकन सिटी, सोमवार, 28 अगस्त 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने भारत, नेपाल और बंगलादेश में बाढ़ पीड़ितों के प्रति सहानुभूति प्रकट की तथा अत्याचार के शिकार म्यानमार में विस्थापित मुस्लिम बहुल रोहिग्याई लोगों के लिए प्रार्थना अर्पित की।
रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित श्रद्धालुओं के साथ देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों की याद कर कहा, ″भयंकर बाढ़ ने बंगलादेश, नेपाल और भारत को बुरी तरह प्रभावित किया है। मैं वहाँ के लोगों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करता हूँ तथा उन सभी के लिए प्रार्थना करता हूँ जो इसके शिकार हुए हैं और इसके कारण पीड़ित हैं।″
कई सप्ताहों तक भारी वर्षा के कारण दक्षिण एशिया के कई शहर और गाँव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। अनुमानतः 16 मिलियन लोग इससे प्रभावित हुए हैं। उन सभी देशों में स्थानीय काथलिक करितास संगठन मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए लोगों की मदद करने का प्रयास कर रहा है।
संत पापा ने रोहिन्याई लोगों पर हो रहे अत्याचार की याद कर कहा, ″दुर्भाग्य से रोहिन्या धार्मिक अल्पसंख्यक भाई-बहनों के प्रति अत्याचार की खबर आयी है। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य प्रकट करता हूँ। हम प्रभु से प्रार्थना करे कि वह उनकी रक्षा करे तथा भली इच्छा रखने वाले सभी स्त्री पुरूषों को उनकी मदद करने हेतु साहस प्रदान करे ताकि उन्हें उनका पूर्ण हक मिल सकें।″
दो दिन पहले, संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान ने इस प्रवासी आबादी की स्थिति पर रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, लेकिन म्यांमार और बांग्लादेश दोनों ने इसे खारिज कर दिया है। हाल में बर्मी राष्ट्रवादी जिन्हें मिलिटरी समर्थन प्राप्त है उन्होंने रोहिन्या अल्पसंख्यकों की हत्या की थी।
आधिकारिक जानकारी अनुसार संघर्ष में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गयी है जिनमें 80 रोहिन्या विद्रोही दल के थे और बाकी 12 बर्मा के सुरक्षा दल के सदस्य।
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